– 90 (35%) लोगों में खाने की आदतों से जुड़ी परेशानी पाई गई।
– इसमें ज्यादा खाने से लेकर, बुलिमिया नर्वोसा और एनोरेक्सिया नर्वोसा जैसी गंभीर बीमारियां शामिल थीं।
– उम्र बढ़ने के साथ खाने की आदतों की परेशानी कम पाई गई।
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डॉक्टरों की सलाह:
– डॉक्टरों का कहना है कि मधुमेह (Diabetes) से जुड़े वजन बढ़ने और अन्य स्थितियों का मनोवैज्ञानिक कारण भी हो सकता है।
– 20-30% मरीज खाने के बारे में गलत धारणा रखते हैं, जिसे दूर करना जरूरी है।
– मधुमेह रोगियों (Diabetic patients) के लिए सिर्फ डायटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट ही नहीं, बल्कि मनोवैज्ञानिकों की मदद भी लेनी चाहिए।
– युवा रोगियों में शरीर की छवि और दवाओं के प्रभाव को समझना जरूरी है।
– मरीजों को सही जानकारी देकर उनके खाने की आदतों को सुधारा जा सकता है।
– खाने से जुड़ी परेशानियों का पता लगाकर उनका इलाज कराना चाहिए।
– डायटीशियन और मनोवैज्ञानिक की सलाह लेना फायदेमंद हो सकता है।
-अपने खाने-पीने की आदतों का ध्यान रखें।
-संतुलित आहार लें और नियमित व्यायाम करें।
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