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ऑपरेशन कराने अस्पताल में दिनभर महिलाओं को बैठाया फिर कर दिया वापस

नसबंदी कराने आई महिलाओं ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाया लापरवाही का आरोपबजाग. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बजाग में बुधवार को महिला नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में अव्यवस्था का आलम देखने को मिला। शिविर में विकासखंड के अंतर्गत दूर-दराज के गांवों से नसबंदी कराने आई दर्जनों महिलाओं को बिना आपरेशन कराए ही बैरंग लौटना […]

डिंडोरीDec 05, 2024 / 02:51 pm

Prateek Kohre

नसबंदी कराने आई महिलाओं ने अस्पताल प्रबंधन पर लगाया लापरवाही का आरोप
बजाग. सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बजाग में बुधवार को महिला नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में अव्यवस्था का आलम देखने को मिला। शिविर में विकासखंड के अंतर्गत दूर-दराज के गांवों से नसबंदी कराने आई दर्जनों महिलाओं को बिना आपरेशन कराए ही बैरंग लौटना पड़ा। महिलाओं ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अव्यवस्था को लेकर आक्रोश जताया है। जानकारी के अनुसार बुधवार को नसबंदी शिविर में अस्पताल प्रबंधन ने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से महिलाओं को शिविर में आमंत्रित कर लिया था। इसके बाद तीस महिलाओं की नसबंदी का लक्ष्य पूरा हो जाने की बात कहते हुए वापस घर जाने के लिए कह दिया। सुबह से भूंखी प्यासी बैठी महिलाओं को शाम के समय बिना ऑपरेशन कराए ही घर लौटना पड़ा। इस दौरान महिलाओं में नाराजगी देखने मिली। वहीं महिलाओं को नसबंदी के लिए लेकर आई स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने भी अव्यवस्था पर नाराजगी जताई। शिविर में समय से पूर्व महिलाओं के रजिस्ट्रेशन हो जाने से लगभग 3 दर्जन महिलाओं के नसबंदी ऑपरेशन नहीं हो पाए। ग्रामीण अंचलों से आई महिलाएं सिर्फ अपनी बारी का इंतजार करती रहीं और उन्हें आखिरी में बिना नसबंदी कराए ही घर जाना पड़ा। उल्लेखनीय है कि कि स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला परिवार नियोजन कल्याण विभाग ने महिलाओं के नसबंदी शिविर प्रत्येक बुधवार को आयोजित किए जा रहे हैं। जिन महिलाओं की नसबंदी नहीं हो पाई उनका आरोप था कि पहले यह जानकारी नहीं थी कि मात्र 30 महिलाओं की ही नसबंदी होनी है। जिम्मेदारों ने शिविर में आईं सभी महिलाओं के रजिस्ट्रेशन करवा लिए और सुबह से बैठाए रखा था। यदि उन्हें लक्ष्य की जानकारी पहले से होती तो वह दिनभर इंतजार नहीं करतीं। वहीं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का कहना था कि पूर्व में हुए नसबंदी शिविर में नसबंदी कराने का कोई टारगेट निर्धारित नहीं था। 70 से 80 महिलाओं तक के ऑपरेशन इसी अस्पताल में किए गए है फिर अचानक क्या हुआ कि व्यवस्था में फेर बदल कर दिया गया। उधर अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि एक शिविर में 30 महिलाओं की नसबंदी की जा सकती है।
इनका कहना है
टारगेट पूरा हो गया था इसलिए महिलाओं को वापस कर दिया गया है।
डॉ. विपिन राजपूत, बीएमओ बजाग

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