जनपद पंचायत बजाग के ग्राम पंचायत आमा डोंगरी का मामला
बजाग. जनपद पंचायत बजाग के ग्राम पंचायत आमाडोंगरी में पुलिया निर्माण कराए बिना ही राशि आहरित कर ली गई। सरपंच सचिव ने जनपद के उपयंत्री और सहायक यंत्री से गठजोड़ कर कागजो में पुलिया निर्माण दर्शा दिया। बताया जा रहा है कि जिस स्थान पर पुलिया निर्माण कार्य दर्शाया गया है, वहां कई सालों से कोई निर्माण कार्य हुआ ही नहीं है। मामला उजागर होने के बाद जनपद पंचायत सीईओ ने चार सदस्यीय जांच समिति गठित कर तय समय में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। मौके पर पहुंची जांच टीम ने अपने स्तर पर जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत कर दिया है, लेकिन अभी तक इसमें क्या कार्रवाई हुई, इसका खुलासा नहीं हो पाया है। जानकारों की माने तो कागजों में पुलिया निर्माण की जांच करने गई टीम को भी ग्राम पंचायत ने गुमराह कर दिया है। टीम को श्मशान घाट में निर्मित पुलिया का निरीक्षण कराया गया है, जांच टीम ने भी सत्यता परखे बिना ही जांच के नाम पर खानापूर्ति कर रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है। बताया गया है की जांच दल ने पंचायत द्वारा बताए गए दो अलग अलग स्थान पर पुलिया निर्माण की जांच की परंतु एक स्थान पर करीब एक साल पहले ही पुलिया का निर्माण हो चुका है और उसका भुगतान भी हो चुका है। दूसरे स्थान पर तालाब के पास के नाम से स्वीकृत पुलिया का निर्माण पंचायत ने इसी वित्तीय वर्ष में कराया है, जो कि मुक्तिधाम में कागजों में पुलिया निर्माण वाले स्थान से लगभग सात सौ मीटर दूरी पर स्थित है। इसी पुलिया को दिखाकर मामले में पर्दा डालने प्रयास किया जा रहा है। जनपद के अधिकारी भी इस मामले में सही जानकारी देने से बचते नजर आ रहे हैं।
जांच समिति में इन्हे किया था शामिल
जनपद पंचायत सीइओ ने चार सदस्यीय जांच टीम बनाई थी। टीम में जनपद के सहायक यंत्री, उपयंत्री, एपीओ और पीसीओ को शामिल किया गया था। बताया जा रहा है कि कागजों में बनी पुलिया का बिल लगाकर भुगतान कराने वाले एपीओ को भी जांच टीम का सदस्य बनाया गया था। इसके अलावा मामले में जनपद के सहायक यंत्री और उपयंत्री की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। ऐसे में निष्पक्ष जांच की उम्मीद कैसे की जा सकती है।
ग्रामीणों ने की थी शिकायत
आमाडोंगरी के ग्रामीणों ने सरपंच सचिव और जनपद के तकनीकी अधिकारियों पर मिली भगत कर राशि हड़पने का आरोप लगाया था और जांच की मांग की थी। ग्राम पंचायत के अंतर्गत मनरेगा के भुगतान पोर्टल में पुलिया निर्माण कार्य मुक्तिधाम के पास होना दर्शाया गया है। इस कार्य में खर्च की गई राशि का भुगतान लगभग 8 लाख रुपए होना दिखाया गया है, जबकि हकीकत में मुक्तिधाम के पास कोई भी पुलिया का निर्माण नहीं किया गया है। मनरेगा के भुगतान पोर्टल में फर्मों के नाम से दो जुलाई 2024 को भुगतान होना दिखाया गया है। ग्रामीणों ने बताया था कि ग्राम में सिर्फ एक ही मुक्तिधाम है जिसके आसपास कोई भी पुलिया निर्माण कार्य नहीं हुआ है। ग्रामीणों ने इस फर्जी निर्माण के जांच की मांग की थी, जो अब तक निष्पक्ष नहीं हो पाई है।
इनका कहना है
जांच प्रतिवेदन कल ही प्राप्त हुआ है, अध्ययन करने के बाद ही बता पाऊंगा।
एमएल धुर्वे, सीईओ जनपद पंचायत बजाग
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