डिंडोरी

पर्यावरण व प्रकृति का रखा ख्याल, मिट्टी व गाय के गोबर ने बनाए स्वदेशी दीये

स्वदेशी उत्पादों को अपनाने दिलाई शपथ

डिंडोरीOct 22, 2022 / 01:37 pm

shubham singh

Taking care of the environment and nature, soil and cow dung made indigenous lamps

डिंडोरी. मेकलसुता महाविद्यालय एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत दीपोत्सव पर्व के उपलक्ष्य में विद्यार्थियों द्वारा स्वनिर्मित स्वदेशी दिए बनाए। जिनमें प्रकृति एवं पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए मिट्टी, गाय के गोबर एवं प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया गया हैै। महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं के साथ प्राध्यापकों ने शपथ ली कि सभी भारतीय एवं स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करेंगे जिससे हमारे समाज को प्रेरणा मिलेगी। विद्यार्थियों ने शपथ लेते हुए कहा कि हम सभी अपने परिवार, मोहल्ले और गांव के लोगों को भी जागरूक कर स्वदेशी उत्पादों को अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे। कार्यक्रम में रजिस्ट्रार डॉ. प्रदीप द्विवेदी ने कहा कि हमें स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए। जिससे हमारे देश की अर्थव्यवस्था को और भी अधिक मजबूत किया जा सके।
250 से अधिक ने खरीदे दीये
डीएलएड, बीएसस, बीएड एवं अन्य सभी संकाय के विद्यार्थियों ने दीपक एवं पूजा की थाली को स्वदेशी दीयों के साथ आकर्षक तरीके से सजाया था। महाविद्यालय के 250 से अधिक विद्यार्थियों ने स्वदेशी दियों को खरीदा। विद्यार्थियों द्वारा की गई खरीदी से जो भी धनराशि एकत्रित हुई, उसे गरीब आदिवासी बच्चों की शिक्षा एवं उनके लिये आवश्यक सामग्री के लिए उन्हें प्रदान की जाएगी। जिससे वह भी शिक्षा की मुख्य धारा से जुड सकें व उनकी जरूरते पूरी हों। कार्यक्रम में डॉ. बालस्वरूप द्विवेदी, प्रो. निरंजन पटेल, प्रो. स्वर्ण तिवारी, प्रो. सुभाष धुर्वे, प्रो. सीमा तिवारी, प्रो. अनुराधा बाल्मीक, प्रो. भारती सिन्हा, प्रो. सुभाष ठाकुर, प्रो. शिल्पा वर्मा, प्रो. संदीप नामदेव, प्रो. सपना सोलंकी सहित समस्त स्टॉफ एवं छात्र-छात्राऐंं उपस्थित रहे।

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