डिंडोरी

दस्तावेज के अभाव के कारण स्कूल में नहीं मिल रहा दाखिला, पढ़ाई से वंचित हो गए बच्चे

दादी के साथ दर-दर भटक रहे बच्चे, जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अमला नहीं ले रहा सुधडिंडौरी. पिता कमाने गया तो अब तक लौटकर नहीं आया और मां की लंबी बीमारी से मृत्यु के बाद अब बूढ़ी दादी मेहनत मजदूरी कर बच्चों का पालन पोषण कर रही है। शासन की योजनाओं के लाभ से वंचित यह बच्चे […]

डिंडोरीOct 04, 2024 / 01:03 pm

Prateek Kohre

दादी के साथ दर-दर भटक रहे बच्चे, जनप्रतिनिधि व प्रशासनिक अमला नहीं ले रहा सुध
डिंडौरी. पिता कमाने गया तो अब तक लौटकर नहीं आया और मां की लंबी बीमारी से मृत्यु के बाद अब बूढ़ी दादी मेहनत मजदूरी कर बच्चों का पालन पोषण कर रही है। शासन की योजनाओं के लाभ से वंचित यह बच्चे शिक्षा के साथ ही अन्य सुविधाओं से पूरी तरह से दूर हो गए हैं। जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अमला व जिला प्रशासन भी विशेष पिछड़ी जनजाति के इन बच्चों की कोई मदद नहीं कर रहा है। हम बात कर रहे हैं जनपद पंचायत बजाग अंतर्गत गाडासरई के एक विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा परिवार की। बेटे का कोई पता नहीं, बहू की बीमारी से मौत के बाद बूढ़ी दादी के कंधों पर छोटे-छोटे बच्चों की जिम्मेदारी आ गई है। इन बच्चों के दस्तावेज नहीें बन पाए, जिससे उन्हे विद्यालय में प्रवेश नहीं मिला। दादी को अब इनके भविष्य की चिंता सता रही है।
बेटा गया कमाने, नहीं आया वापस
दादी लूंजी बाई बैगा ने बताया कि उनका लडक़ा दिनेश बैगा दो साल पहले बाहर काम करने गया था, लेकिन उसके साथ गए अन्य लोग गांव वापस आ गए, लेकिन उसका बेटा आज तक नहीं आया। उसकी कोई खोज खबर नहीं है। दो साल पहले दिनेश बैगा की पत्नी का भी लंबंी बीमारी के बाद निधन हो गया। लूंजी बाई बैगा दूसरो के घरों में काम काज कर तीनों बच्चों का पालन पोषण कर रही है। आलम यह है कि आर्थिक तंगी झेल रही लूंजी बाई बैगा किराए के मकान में तीनो बच्चों के साथ जीवन यापन कर रही है।
प्रशासन से सहयोग की दरकार
दादी के भरोसे जीवन यापन कर रहे बच्चे शिक्षा से वंचित है। विद्यालय में प्रवेश के लिए दस्तावेज आवश्यक हैं और बूढ़ी दादी इतनी सक्षम नहीं है कि वह कार्यालयों के चक्कर काटकर दस्तावेज बनवा सके। वह तो सिर्फ मासूमों के पेट भरने की कवायद में लगी रहती है। उसे कार्यालय और विभागों की भी जानकारी नही है। उसके बाद इन मासूमों का भविष्य क्या होगा यह सोचकर परेशान है। दादी लूंजी बाई ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि बच्चों के दस्तावेज बन जाएं तो उन्हे स्कूल में प्रवेश मिल जाएगा।
योजनाओं का भी नहीं मिल रहा लाभ
लूंजी बाई ने बताया बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए बहुत दिनों से परेशान हो रही हैं, लेकिन बच्चों का आधार कार्ड और समग्र आईडी ना होने के कारण उन बच्चों का स्कूल में दाखिला नही हो पा रहा है साथ ही दस्तावेज न होने से शासन की योजनाओं का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। बच्चों का आधार कार्ड और समग्र आईडी बनवाने लोकसेवा केन्द्र बजाग से लेकर डिंडौरी तक चक्कर लगा चुकी हैं, लेकिन उन बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र ना होने से आधार और समग्र आईडी नहीं बन पा रही है। उसके सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि बच्चों का पेट पालने के लिए वह मेहनत मजदूरी करने जाए या फिर उनके दस्तावेज बनवाने के लिए कार्यालयों के चक्कर काटे।

Hindi News / Dindori / दस्तावेज के अभाव के कारण स्कूल में नहीं मिल रहा दाखिला, पढ़ाई से वंचित हो गए बच्चे

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.