अशोक के बीज पानी में पीसकर लगभग दो चम्मच नियमित रूप से लेने पर मूत्र न आने की शिकायत दूर होती है। इससे पथरी में भी आराम मिलता है। अशोक की छाल के काढ़े में बराबर मात्रा में सरसों का तेल मिलाकर फोड़े-फुंसियों पर लगाने से लाभ मिलता है।
अशोक की छाल के चूर्ण में मिश्री समान मात्रा में मिलाकर,गाय के दूध के साथ एक-एक चम्म्मच दिन में तीन बार कुछ हफ्तों तक लेने से वाइट डिस्चार्ज में लाभ होता है। अशोक की छाल और ब्राह्मी का चूर्ण बराबर मात्रा में मिलाकर 1-1 चम्मच सुबह-शाम एक कप दूध के साथ नियमित रूप से कुछ माह तक लेने से दिमाग तेज होता है।