जर्नल ऑफ एंडोक्रिनोलॉजी में प्रकाशित, अध्ययन में पता चला है कि दिन में दाे-तीन कप काॅॅॅफी का सेवन तनाव और वृद्धि हार्मोन के स्तर को बदल सकता है जो बच्चे के लिवर के विकास को बिगाड़ सकता है।
चूहों पर किए गए इस अध्ययन में, यह पाया गया कि गर्भवती चूहों, जिन्हें कैफीन दिया गया था, उनके बच्चाें में कम वजन, असयंमित विकास, तनाव हार्माेन परिवर्तन आैर बिगड़ा हुआ लिवर जैसी समस्याएं सामने आर्इ।
चीन के वुहान विश्वविद्यालय में कार्यरत शाेध के सह-लेखक यिनक्सीयन वेन ने कहा कि “हमारे परिणामों से संकेत मिला है कि प्रसवपूर्व कैफीन मां में तनाव हार्मोन गतिविधि काे बढ़ता है जाेकि जन्म से पहले लिवर के विकास के लिए जरूरी IGF-1 गतिविधि को रोकता है।इंसुलिन जैसा विकास कारक 1 (IGF-1) एक हार्मोन है जो बचपन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
वेन ने कहा, “हमारे शाेध में पता चलता है कि जन्मपूर्व कैफीन शिशुओं के लिए अच्छा नहीं है।प्रीनेटल कैफीन के संपर्क में आने से फैटी लीवर की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। कैफीन का ज्यादा इस्तेमाल IGF-1 हार्मोन काे प्रभावित कर लिवर संबंधी समस्याआें काे बढ़ावा देता है।
हालांकि, पुणे में कोलंबिया एशिया अस्पताल के सलाहकार गैस्ट्रो सर्जन, हर्षल राजेकर के अनुसार, शायद ही कोई एेसा सबूत जिससे यह पता चले कि कैफीन गर्भवती महिला या उसके बच्चे के लिवर के लिए हानिकारक है, हालांकि यह सच है कि कैफीन की अधिकता नींद को प्रभावित कर सकती है ।