यूं दूध हो रहा दूषित
इन दिनों अधिक से अधिक दूध के उत्पादन के लिए दुधारू पशुओं को स्टेरॉयड और हार्मोन के इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं।ऑक्सिटोसिन ऐसा ही इंजेक्शन है जो पशुओं को आमतौर पर लगाया जाता है। इसके कारण हम जो दूध और डेयरी उत्पाद खाने पीने में इस्तेमाल करते हैं उससे भी ऑक्सिटोसिन पाया जाता है, जाे हमारे शरीर में पहुंचकर अप्रत्यक्ष रूप से कई तरह के दुष्प्रभाव डालता है। इसके कारण लड़कियों में समय से पहले यौवनावस्था के लक्षण दिखना, पुरुषों में सीने पर उभार और हार्मोन असंतुलन के कारण टेस्टोस्टेरॉन के उत्पादन में कमी होना जैसी स्थितियां बन जाती हैं। गर्भवती महिला को भी ऑक्सिटोसिन की मिलावट वाला दूध नहीं पीना चाहिए, क्योंकि इससे गर्भपात के अलावा बच्चे में जन्मजात विकृति होने का खतरा रहता है। इसका काम खासतौर पर कोशिकाओं के विकास में बाधा डालना है।
इन दिनों अधिक से अधिक दूध के उत्पादन के लिए दुधारू पशुओं को स्टेरॉयड और हार्मोन के इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं।ऑक्सिटोसिन ऐसा ही इंजेक्शन है जो पशुओं को आमतौर पर लगाया जाता है। इसके कारण हम जो दूध और डेयरी उत्पाद खाने पीने में इस्तेमाल करते हैं उससे भी ऑक्सिटोसिन पाया जाता है, जाे हमारे शरीर में पहुंचकर अप्रत्यक्ष रूप से कई तरह के दुष्प्रभाव डालता है। इसके कारण लड़कियों में समय से पहले यौवनावस्था के लक्षण दिखना, पुरुषों में सीने पर उभार और हार्मोन असंतुलन के कारण टेस्टोस्टेरॉन के उत्पादन में कमी होना जैसी स्थितियां बन जाती हैं। गर्भवती महिला को भी ऑक्सिटोसिन की मिलावट वाला दूध नहीं पीना चाहिए, क्योंकि इससे गर्भपात के अलावा बच्चे में जन्मजात विकृति होने का खतरा रहता है। इसका काम खासतौर पर कोशिकाओं के विकास में बाधा डालना है।
कैमिकल से तैयार दूध
विशेषज्ञाें के अनुसार देश में बेचे जा रहे 68.7 फीसदी दूध एफएसएसएआई के मानक से निम्न स्तर के बेचे जा रहे हैं।मिलावटी दूध में आमतौर पर डिटर्जेट, कास्टिक सोड, ग्लूकोज, सफेद पेंट और रिफाइंड तेल मिलाए जाते हैं। जाे सेहत काे लम्बे समय तक नुकसान पहुंचाते हैं।
विशेषज्ञाें के अनुसार देश में बेचे जा रहे 68.7 फीसदी दूध एफएसएसएआई के मानक से निम्न स्तर के बेचे जा रहे हैं।मिलावटी दूध में आमतौर पर डिटर्जेट, कास्टिक सोड, ग्लूकोज, सफेद पेंट और रिफाइंड तेल मिलाए जाते हैं। जाे सेहत काे लम्बे समय तक नुकसान पहुंचाते हैं।
पुरुष ऐसे होता है नुकसान ( Synthetic Milk Negative effects on Men’s Health )
दूध में प्रोलेक्टिन, ल्यूटीनाइजिंग, एस्ट्रोजन, प्रोजेस्ट्रॉन, ऑक्सिटोसिन जैसे हार्मोन के अलावा विकास के लिए उत्तरदायी व थायरॉइड उत्प्रेरक हार्मोन भी पाए जाते हैं। ये हार्मोन असंतुलन पैदा कर सकते हैं, जिससे पुरुष की प्रजनन क्षमता कम हो जाती है। यदि मनुष्य में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर 70 प्रतिशत से अधिक होता है तो इसका कारण मिलावटी दुग्ध उत्पाद हैं। एस्ट्रोजन हार्मोन की अधिक मात्रा के कारण शुक्राणुओं के बनने की गति पर असर होने के साथ गुणवत्ता भी गड़बड़ाती है।
महिलाएं भी समस्या के घेरे में ( Synthetic Milk Negative effects on Women’s Health )
ज्यादातर महिलाओं में होने वाली एंडोमेट्रियोसिस और पीसीओएस जैसी बीमारियां भी दूध में एस्ट्रोजन हार्मोन की अधिकता के कारण होती है। भारत में 70 फीसदी आबादी प्लास्टिक सामग्री से बने पैक्ड (डिब्बाबंद) दूध का इस्तेमाल करती है। प्लास्टिक में बीपीए (अंतस्त्रावी विघटनकारी) रसायन होता है जो पुरुष और महिला दोनों की प्रजनन क्षमता पर असर डालता है।महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के कारण ओवरीज का कार्य भी बाधित होता है जिससे गर्भधारण में दिक्कत होती है।
ज्यादातर महिलाओं में होने वाली एंडोमेट्रियोसिस और पीसीओएस जैसी बीमारियां भी दूध में एस्ट्रोजन हार्मोन की अधिकता के कारण होती है। भारत में 70 फीसदी आबादी प्लास्टिक सामग्री से बने पैक्ड (डिब्बाबंद) दूध का इस्तेमाल करती है। प्लास्टिक में बीपीए (अंतस्त्रावी विघटनकारी) रसायन होता है जो पुरुष और महिला दोनों की प्रजनन क्षमता पर असर डालता है।महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के कारण ओवरीज का कार्य भी बाधित होता है जिससे गर्भधारण में दिक्कत होती है।
ऐसे पहचानें ( Test Milk For Adulteration At Home )
– मिलावटी दूध स्वाद में थोड़ा खट्टा होता है वहीं शुद्ध दूध हल्का मीठा। शुद्ध दूध गर्म करने पर सफेद रहता है जबकि मिलावटी दूध हल्का पीला हो जाता है।
– मिलावटी दूध स्वाद में थोड़ा खट्टा होता है वहीं शुद्ध दूध हल्का मीठा। शुद्ध दूध गर्म करने पर सफेद रहता है जबकि मिलावटी दूध हल्का पीला हो जाता है।
– थोड़ा सा दूध लें और उतना ही पानी भी लें। दूध और पानी दोनों को मिला लें। अब इसे हिला का देखें, अगर इस दूध में डिटर्जेंट मिला हुआ है तो बेहद ज्यादा झाग नजर आएगा और इस झाग में आने वाले बुलबुलों को लाइट में ले जाएं। इन्हें ध्यान दे देखें अगर झाग में बने बुलबुले बड़े हैं और रंग भी नजर आ रहा है तो यह दूध में डिटर्जेंट की मिलावट की ओर संकेत करता है।