इस स्टडी में कहा गया है कि अगर पिज्जा को फ्रेश सामग्री से तैयार किया जाए तो ये रुमेटीइड गठिया से जुड़ी कुछ दिक्कतों को कम कर सकता है। एनएचएस के मुताबिक, रूमेटाइड अर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून डिजीज है। यह बीमारी किसी को अपनी चपेट में तब लेती है, जब इम्यून सिस्टम गलती से हेल्दी सेल्स पर अटैक कर देता है, जिसकी वजह से जलन और सूजन होने लगती है। रूमेटाइड गठिया में लोग जोड़ों में तेज दर्द का सामना करते हैं। इस बीमारी का फिलहाल कोई इलाज नहीं है। हालांकि जल्दी पता लगाकर और अच्छा इलाज लेकर इस बीमारी से जुड़े जोखिमों को कम किया जा सकता है.
इटली के एक साइंटिस्ट ने कहा है की अगर हफ्ते में एक बार आधा पिज्जा खाने से रूमेटाइड अर्थराइटिस की वजह से होने वाले दर्द को 80 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। क्योंकि पिज्जा में डाली जाने वाली कुछ सामग्रियों में सूजन-रोधी गुण होते हैं। पिज्जा बनाने में इस्तेमाल किया जाने वाला मोज़ेरेला चीज़ और जैतून का तेल सबसे ज्यादा लाभकारी माना गया। ‘न्यूट्रिएंट्स’ में पब्लिश इस स्टडी में 18 से 65 साल के 365 लोगों को शामिल किया गया था, जिन्हें रूमेटाइड अर्थराइटिस की बीमारी थी।
आपको बता दें कि जिन लोगों ने हर हफ्ते एक से ज्यादा बार आधा पिज्जा खाया, उन्होंने गठिया के दर्द से राहत सामने आई । गंभीर रूमेटाइड अर्थराइटिस वाले लोगों ने समान मात्रा में पिज्जा का सेवन किया, इन लोगों ने भी दर्द में 80 प्रतिशत की कमी की बात कही। रुमेटीइड आर्थराइटिस से दुनिया में हर साल लाखों लोग प्रभावित होते हैं. इसके इलाज के लिए स्टेरॉयड और फिजियोथेरेपी जैसी दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है. एनएचएस इस बीमारी से पीड़ित लोगों को एंटी-इंफ्लेमेटरी वाली मेडिटेरियन स्टाइल डाइट लेने की सलाह देता है, जिसमें फल, सब्जियां, नट्स, फलियां, अनाज, बीन्स, जैतून का तेल और मछली आदि शामिल हैं.