जल को जीवन या प्राण भी कहते है। आयुर्वेद में गुनगुने यानी उष्ण जल को अमृत बताया गया है।
•Jan 15, 2019 / 02:29 pm•
Hemant Pandey
सर्दी में गुनगुना पानी पीने के हैं कई फायदे
जल को जीवन या प्राण भी कहते है। आयुर्वेद में गुनगुने यानी उष्ण जल को अमृत बताया गया है। लेकिन युवा पीढ़ी सर्दी के मौसम में भी फ्रिज में रखा पानी पीना पसंद कर रही है। इससे उनमें सर्दी, जुकाम, खांसी, श्वसन, टॉन्सिल आदि गले के रोग, अपच, गैस, कब्ज, मोटापा एवं डायबिटीज की समस्या हो रही है। ठण्डा पानी हमारी जठराग्नि एवं धात्व अग्नियों के साथ मेटाबोल्जिम को मंद कर देता है। यदि सादा जल या अत्यधिक शीतल जल के स्थान पर उष्ण (गुनगुना) जल का सेवन करते है तो शरीर के लिए कई गुना ज्यादा गुणकारी होता है। आयुर्वेद में गुनगुने पानी को रोग नाशक बताया गया है। जानते हैं इसके लाभ के बारे में-
हमारे भूख एवं बढ़ाने वाले रस (जठराग्नि) को बढ़ाता है और भोजन को पचाने में मदद करता है। इससे अपच, गैस, एसिडीटी, कब्ज एवं पेट के दर्द में लाभ मिलता है।
श्वसन संबंधी परेशानी में भी गुनगुना पानी पीना चाहिए। इससे अंदर जमा कफ बाहर निकलता है। सर्दी, जुकाम, खांसी, सांस लेने में आराम मिलता है।
एक गिलास गुनगुने जल में आधा चम्मच नमक डालकर गरारे करने से गले के रोगों में लाभ होता है। गले की खराश दूर होती है।
हृदय संबंधी परेशानी में गुनगुना पानी पीने से रक्त संचार सही रहता है। ब्लडप्रेशर ठीक रहता है। ब्लड पलता होता है। हानिकारक कोलेस्ट्रोल और ट्राईग्लिसराइडस को धमनियों में जमा नहीं होने देता है।
मूत्र संबंधित परेशानी में गुनगुना पानी पीने से किडनी का फंक्सन अच्छा होता है। जिन व्यक्तियों को रूक-रूक कर यूरिन आता है उन्हें गुनगुना जल पीने से राहत मिलती है। पथरी और यूरिन इंफेक्शन में भी इसका लाभ मिलता है। शरीर से विषैला तत्त्व भी अधिक मात्रा में निकलता है।
वजन व्यक्तियों को भी हमेशा गुनगुना पानी पीना चाहिए। इससे अतिरिक्त चर्बी पेट पर जमा नहीं हो पाती है। वजन कंट्रोल रहता है।
जिनकी रोग रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है उनको भी गुनगने जल का सेवन करना चाहिए। यह शरीर के लिए जरूर चीजों जैसे ऑक्सीजन, विटामिन्स, प्रोटीन्स, कार्बोहाइड्रेट्स एवं मिनरल्स को अंत:स्त्रावी ग्रंथियों व हर कोशिकाओं में पहुंचाकर मेटाबोलिज्म को ठीक रखता है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
आयुर्वेद के अनुसार गुनगुना जल का हमेशा सेवन करने से निरोगी काया मिलती है। उम्र बढ़ती है।
सावधानी- गुनगुने जल का सेवन सर्दी और बरसात में करना चाहिए। गर्मी और जिनका ब्लड से संबंधी रोग है (त्वचा पर फोड़ा, फूंसी, चकत्तेे हैं), भ्रम (चक्कर आना), शरीर में जलन, थकावट, नाक से खूना आना और पित्त संबंधी परेशानी है उनको गुनगुने पानी की जगह सामान्य पानी पीना चाहिए।
डॉ. चन्दनमल जैन, आयुर्वेद विशेषज्ञ
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