नुकसान : जलेबी को मैदे के घोल से तैयार किया जाता है, जिसमें फाइबर नहीं होता। डीप फ्राई होने से इसमें कैलोरी की मात्रा ज्यादा होती है। ज्यादातर हलवाई एक बार इस्तेमाल किए हुए तेल में कई चीजें बनाते हैं, जिससे जलेबी में ट्रांसफैट्स की ज्यादा मात्रा हृदय रोगों को बढ़ा सकती है।
खाएं मगर ध्यान से –
जलेबी को खाली पेट ही खाएं क्योंकि इससे शरीर को पूरे दिन के लिए एनर्जी मिल जाती है, इसलिए उत्तर भारत के कई राज्यों में दूध-जलेबी से सुबह का नाश्ता होता है। खाना खाते समय या खाने के फौरन बाद जलेबी ना खाएं वर्ना ये एडिपोज टिश्यू (फैट) में बदलकर वजन बढ़ाएगी। दो खानों (जैसे लंच व डिनर) के बीच के अंतराल में जलेबी खाएं, लेकिन 2-3 से ज्यादा नहीं।
जलेबी को खाली पेट ही खाएं क्योंकि इससे शरीर को पूरे दिन के लिए एनर्जी मिल जाती है, इसलिए उत्तर भारत के कई राज्यों में दूध-जलेबी से सुबह का नाश्ता होता है। खाना खाते समय या खाने के फौरन बाद जलेबी ना खाएं वर्ना ये एडिपोज टिश्यू (फैट) में बदलकर वजन बढ़ाएगी। दो खानों (जैसे लंच व डिनर) के बीच के अंतराल में जलेबी खाएं, लेकिन 2-3 से ज्यादा नहीं।