Get bone density checkup done बोन डेन्सिटी चेकअप करवाएं
छरहरी काया के चक्कर में युवतियां क्रैश डाइटिंग करती हैं, जो सही नहीं है। उन्हें ऐसी डाइट लेनी चाहिए जो उनके दिनभर के पोषण स्तर को बनाए रखे। चॉकलेट, कॉफी, फास्ट फूड से दूर रहें। बोन मिनरल डेन्सिटी का महिलाएं व युवतियां खयाल रखें। ३० वर्ष के बाद बोन डेन्सिटी चेकअप अवश्य करवाएं।
Micro-nutrients should be high in the diet डाइट में माइक्रो-न्यूट्रिएंट ज्यादा हों
बुजुर्गों को मानसिक व शारीरिक, दोनों तरह की केयर की जरूरत होती है। उनमें कब्ज की शिकायत अधिक पाई जाती है। इसे दूर करने के लिए पानी की मात्रा और संतुलित भोजन उनके लिए सही है। उनके भोजन में सब्जियों की मात्रा अधिक होनी चाहिए। उनकी डाइट में वेजिटेबल जूस व सूप की मात्रा बढ़ाएं। इससे उनकी डाइट में माइक्रोन्यूट्रिएंट रहेंगे।
छरहरी काया के चक्कर में युवतियां क्रैश डाइटिंग करती हैं, जो सही नहीं है। उन्हें ऐसी डाइट लेनी चाहिए जो उनके दिनभर के पोषण स्तर को बनाए रखे। चॉकलेट, कॉफी, फास्ट फूड से दूर रहें। बोन मिनरल डेन्सिटी का महिलाएं व युवतियां खयाल रखें। ३० वर्ष के बाद बोन डेन्सिटी चेकअप अवश्य करवाएं।
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Women should include these things in routine महिलाएं इन बातों को रुटीन में करें शामिल
1. पानी ज्यादा पीएंं, क्योंकि कई बार पानी का इंटेक अच्छा न रहने से भी हार्मोन्स असंतुलित होते हैं।
2. महिलाओं की डाइट में प्रोटीन की मात्रा कम होती है। प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने के लिए पनीर, अंडा, नट्स, सीड्स, हरी सब्जियां, मिल्क प्रोडक्ट, सोया, दालें शामिल करना चाहिए।
3. खुद को रिफ्रेश करने के लिए मी-टाइम निकालें, फिटनेस पर ध्यान दें।
4. मौसमी फल और रंगीन सब्जियों का कॉम्बिनेशन अपनी डाइट में रखें।
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मॉर्निंग वॉक से लौटने के बाद न करना भूले ये काम , तभी मिलेगा वॉक का पूरा लाभ5. लंच में सभी पोषक तत्त्वों से भरपूर आहार लें।
6. शाम को ग्रीन टी, जूस, फल या मेवे खा सकती हैं
7. डिनर हल्का रखें, दो रोटी, हरी सब्जियां, सलाद आदि लें।
8. प्रसव के बाद शिशु को ब्रेस्ट फीड आवश्यक रूप से करवाएं।
9. ऑयल अब्यूज न करें। यानी तेल सही तरह से उपयोग में लें। बार-बार गर्म किए हुए तेल में भोजन न पकाएं। रेडी-टु-ईट फूड से भी बचें।
1o. अपना हर भोजन निश्चित समय पर करें। उसे स्किप न करें। शिल्पी गोयल, डायटीशियन और वेलनेस एक्सपर्ट,
रायपुर डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।