हरा धनिया एक जड़ी-बूटी है हरा धनिया का उपयोग आमतौर पर भोजन मे तरह-तरह के व्यंजनों की गार्निशिंग के लिए किया जाता है, जबकि वास्तव में यह एक जड़ी-बूटी है और हमारे स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है। इसमें मौजूद कोरिएन्ड्रोल ऑयल की वजह से हरा धनिया को आयुर्वेद में एक औषधीय गुणों से भरपूर माना गया है जो कई तरह की बीमारियों के उपचार में सहायक होता है। चिकनपॉक्स होने की स्थिति में धनिया के पत्तों के रस की 1-2 बूंदे आंख में डालने से आंखों का बचाव होता है। दस्त के साथ खून आने की स्थिति में एक-चैथाई कटोरी धनिया के पत्ते एक गिलास पानी में उबाल लें। ठंडा होने पर छान कर पानी पीने से आराम मिलता है। बच्चे के पेट में दर्द हेाने पर धनिया के पत्तों को रात को एक कप पानी में भिगो दें। सुबह पीने को दें। एक-चैथाई कटोरी धनिया के पत्ते और एक कटा आंवला एक कप पाानी में रात को भिगोएं। सुबह पीस कर मिश्री मिलाकर पीने से शरीर की गर्मी ठीक होती है और सिर दर्द में आराम मिलता है। पत्तों को पीस कर चेहरे पर नियमित रूप से लगाने पर दाने, तिल और मस्सों में फायदा होता है। धनिया के पत्ते और प्याज के रस को मिलाकर बालों की जड़ों में लगाने से बाल झडऩा बंद होते हैं। गर्भावस्था में उल्टियां आने पर 5-10 हरे पत्ते, एक चम्मच मिश्री और चावल का पानी मिलाकर पिलाने से आराम मिलता है। डॉ. संजना शर्मा, आयुर्वेद विशेषज्ञ