अायुर्वेद के अनुसार ठंड में लौंग, तुलसी, काली मिर्च और अदरक से बनी चाय खांसी, सर्दी, जुकाम के लिए ‘रामबाण’ का काम करती है। विशेषज्ञाें के अनुसार बीमारियों का मुख्य कारण वायरस का बढ़ता प्रसार होता है।जुकाम एक संक्रामक बीमारी है जो बहुत जल्दी बढ़ती है। यह बीमारी बहती नाक, बुखार, सुखी या गीली खांसी अपने साथ लाती है, जो श्वसन तंत्र पर अचानक हमला करता है।
आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. सुनील कुमार दूबे का कहना है कि कॉमन कोल्ड में बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान और सावधानी बरतनी चाहिए। सर्दियों में शहद का सेवन करने से शरीर को कई तरह की रोगों से दूर रखा जा सकता है। आयुर्वेद में शहद को अमृत माना गया है। सर्दी, जुकाम होने पर रात को सोने से पहले एक ग्लास गुनगुने दूध में एक चम्मच शहद मिलाकर पीने से यह खत्म हो जाती है।शहद शरीर के ‘इम्युन सिस्टम’ को दुरुस्त करता है।”
उन्होंने कहा कि सर्दी के दिनों में बाजरे की रोटी खाने का बहुत फायदा मिलता है। यह शरीर को तो गर्म रखता ही है, साथ में बाजरे की रोटी में प्रोटीन, विटामिन बी, कैल्शियम, फाइबर और एंटी ऑक्सीडेंट शरीर के लिए अच्छे होते हैं। ठंड से बचने के लिए बच्चों को भी बाजरे की रोटी खिलानी चाहिए।
दूबे के अनुसार सर्दियों में मछली तथा सूप भी बेहद कारगर है। खाने में अदरक के प्रयोग से शरीर तो गरम होता ही है, साथ में पाचन क्रिया भी अच्छा होता है।” उन्होंने बताया कि आंवला डायबिटीज से परेशान लोगों के लिए किसी अमृत से कम नहीं है। आंवला को प्राचीन आयुर्वेदिक प्रणाली में कई तरह के रोगों के इलाज के लिए लगभग 5000 साल से इस्तेमाल किया जा रहा है। आवंला की तुलना अमृत से की गई है। आंवला में विटामिन सी, विटामिन एबी, पोटैशिम, कैलशियम, मैग्नीशियम, आयरन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और डाययूरेटिक एसिड होते हैं। आंवला और मूंगफली सर्दियों में फायदेमंद होता है। तिलों के तेल से मालिश भी हमें ठंड से बचाने का काम करती है।सर्दियों में मौसमी और संतरा खाने से बचना चाहिए। खजूर को गर्म दूध के साथ खाने पर भी सर्दी से राहत मिलती है।