संतुलित आहार व साबुत अनाज लें। पॉलीअनसैचुरेटेड फैट काम में लें यानी चिकनाई वाली चीजें कम खाएं। बादाम, अखरोट जैसे ड्राई फ्रू ट्स लें। हर्बल टी, सूप आदि लें। एंटीऑक्सीडेंट्स के लिए बेरी, पालक, गाजर सहित हरी सब्जियां खाएं। गुनगुना पानी पीएं एवं नियमित भाप लेते रहें। शरीर में पानी की कमी न होने दें। ठंडी व खट्टी चीजें का परहेज करें। दूध व इससे बने पदार्थ कम लें।
सुबह जल्दी बाहर न निकलें।
नियमित रूप से मालिश करें।
इनहेलर हमेशा अपने साथ रखें।
तनाव वाले काम न करें, पर्याप्त नींद लें। तनाव से भी अटैक बढ़ते हैं।
विशेषज्ञ की देखरेख में ही व्यायाम करें व दवाइयां लें।
घर से बाहर निकलें तो मास्क जरूर लगाएं।
वे सभी आहार न लें जिनसे एलर्जी या सांस संबंधी समस्याएं होती हैं। स्मोकिंग से दूर रहें। यदि नियमित दवाइयां लेते हैं तो अस्थमा, सीओपीडी, एलर्जी सहित फेफड़ों के रोगों में लाभ मिलता है। सामान्य जीवन जी सकते हैं। बाहर निकलें तो नाक-मुंह ढककर रखें। सर्दी-जुकाम या कोविड से अपना बचाव करें। योग-व्यायाम जैसे अभ्यास अपनाकर फिट रहें।
दवाइयां खुद से बंद या शुरू न करें
नमक के गुनगुने पानी के गरारे करें। दवाइयां खुद से बंद न करें और बंद कर दी हों तो डॉक्टरी परामर्श के बाद ही शुरू करें।