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Fitness news in hindi – रसीले आम के ‘पंचांग’ से बनाएं सेहत

फलों के राजा आम में पोषक तत्व जैसे विटामिन, प्रोटीन व फाइबर खूब होते हैं

Dec 27, 2018 / 03:26 pm

युवराज सिंह

Fitness news in hindi – रसीले आम के ‘पंचांग’ से बनाएं सेहत

आयुर्वेद के अनुसार आम के पंचांग (पांच अंग) काम आते हैं। आम पेट की सफाई करता है और वजन बढ़ाता है। इसके पत्ते व फूलों का पाउडर या रस का इस्तेमाल डायबिटीज में किया जाता है। आम की छाल को पत्थर पर घिसकर उसका पेस्ट बनाकर लगाने से त्वचा संबंधी रोगों में आराम मिलता है। इसकी जड़ के काढ़े से ब्लड और किडनी की सफाई होती है।
रस में रसायन
आम में विटामिन, प्रोटीन, वसा, खनिज लवण और फाइबर होते हैं। खनिजों में कैल्शियम, सोडियम, पोटेशियम, कॉपर, मैगनीशियम और मैंगनीज प्रमुख हैं। इसमें विटामिन ए, बी, सी प्रमुखता से पाए जाते हैं। आम विटामिन सी का स्रोत है जो कोलेस्ट्रॉल लेवल को सामान्य बनाए रखता है और स्किन क्लींजर का काम भी करता है। इसमें विटामिन ए भरपूर मात्रा में होता है जो आंखों को रतौंधी और ड्राई आई से बचाता है। गर्मियों में स्ट्रोक की समस्या से बचने के लिए आमरस और मैंगो जूस पीना चाहिए लेकिन इसमें चीनी ना मिलाएं। यह लो ब्लड शुगर लेवल को भी संतुलित करता है। आम खाने से पहले इसे एक घंटे के लिए ठंडे पानी में रखें, इसके बाद अच्छे से साफ करके खाएं। खाली पेट आम ना खाएं इससे गैस्ट्रिक प्रॉब्लम हो सकती है।
हर लिहाज से बेस्ट है आम
दिल के लिए :
पोटेशियम से भरपूर होने के कारण हृदय की अनियमित धकडऩों और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मददगार होता है। इसमें मौजूद विटामिन ए, ई और सेलेनियम हृदय रोगों से बचाता है।
एनीमिया में उपयोगी:
आयरन का अच्छा स्रोत होने के कारण यह गर्भवती महिलाओं और एनीमिया से पीडि़त लोगों के लिए काफी अच्छा है।

ऐसे खाएं:
डाइटीशियन डॉ. नमिता पनगडिय़ा के अनुसार मैंगो शेक, जूस या आमरस के बजाय आम को ताजा फल के रूप में ही खाएं क्योंकि इसमें शुगर भरपूर मात्रा में होती है, ऐसे में इसमें चीनी मिलाकर खाने से फायदा नहीं होता। कच्चे आम(कैरी) का पना बनाकर पीने से गर्मी और लू से राहत मिलती है। आम के अचार में काफी नमक, तेल और मसाले का प्रयोग होता है इसलिए बेहतर है कि जब तक कैरी उपलब्ध हो, इसे धनिया पत्ती या पुदीना पत्ती के साथ हरी चटनी बनाकर खाएं।
ध्यान रहे:
आम में जितना खट्टा-मीठा स्वाद होता है उतना ही लैटेक्स (चिपचिपा पदार्थ) भी होता है जो कि उसे कीड़ों से बचाता है। अगर हम कच्चे आम से उसका लैटेक्स निकाले बिना खा लें तो आंतों, गले और मुंह का संक्रमण हो सकता है। कुछ लोगों में कच्चे आम से मैंगो लैटेक्स एलर्जी हो जाती है। अधिक मात्रा में कच्चा आम खाने से गला खराब हो सकता है। पके आम में काफी कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट होता है इसलिए मोटे लोग इसे ज्यादा नहीं खाएं।
मैंगो बाइट से कैंसर फाइट
2010 में टेक्सास एग्रीलाइफ रिसर्च फूड के वैज्ञानिको ने पाया कि आम में पाया जाने वाला पॉलीफेनॉल, कोलोन और ब्रेस्ट कैंसर से बचाव में सहायक होता है। पॉलीफेनॉल पौधों में पाया जाने वाला पदार्थ होता है जिसका काम खराब रेडिकल्स को साफ करना व कोशिकाओं को टूटने से बचाना होता है।
डायबिटीज में उपयोगी
फेडरेशन ऑफ अमरीकन सोसाइटी फॉर एक्सपेरिमेंटल बायोलॉजी की हालिया शोध के मुताबिक आम नैचुरल शुगर का एक बेहतर विकल्प है जो कि टाइप 2 डायबिटीज में फायदेमंद है। टाइप 2 डायबिटीक रोगी फ्रीज ड्रायड मैंगों की 10 ग्राम मात्रा ले सकते हैं। फ्रीज ड्रायड आम का मतलब होता है आम को सुखाकर उससे बनाए गए फूड उत्पाद।

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