अस्थमा के इलाज में भी ये एक कारगर औषधि की तरह काम करता है। कच्चे कटहल को पानी में उबालकर छान लें। जब ये पानी ठंडा हो जाए तो इसे पी लें। नियमित रूप से ऐसा करने से अस्थमा की समस्या में फायदा होता है।
कटहल आयरन का एक अच्छा सोर्स है जिसकी वजह से एनीमिया से बचाव होता है। साथ ही इसके प्रयोग से ब्लड सर्कुलेशन भी नियंत्रित रहता है। हड्डियां भी स्वस्थ
कटहल में मैग्नीशियम भी पर्याप्त मात्रा में होता है। जिसकी वजह से हड्डियां भी स्वस्थ और मजबूत रहती हैं। इसमें पाए जाने वाले कई खनिज हार्मोन्स को भी नियंत्रित करते हैं।
विशेषज्ञाें के अनुसार कटहल में फाइबर भरपूर मात्रा में होता हैं। जिन लोगों को कब्ज की समस्या रहती है उनके लिए यह फायदेमंद है। यह पाचन क्रिया को भी ठीक करता है। इसमें मिनरल्स की भी भरपूर मात्रा होने के कारण स्वास्थ्य वर्धक भी है।
कटहल में कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, मैग्निशियम, फोलिक एसिड, थायमीन और नियासी जैसे तत्व मिलते हैं। ये सभी हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करते हैं। संक्रमण से करें बचाव
कटहल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर में मुक्त कणों को शरीर से निष्क्रिय करने में मदद करता है। इस तरह हमारी रोगों से रक्षा होती है। कटहल में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो कैंसर, बढ़ती उम्र के लक्षणों और अपक्षयी रोगों से बचाता है। इसके साथ ही यह संक्रमण से बचाने के लिए भी बहुत उपयोगी है। इसका उपयोग फ्लू, वायरल और फीवर से बचाता है। इसके दैनिक उपयोग से गर्मी में होने वाली तमाम वायरस जनित बीमारियों से भी बचा जा सकता है।