दुर्भाग्यपूर्ण जीवनशैली और अनारोग्यकर आहार योजना का पालन करने के कारण डायबिटीज के मामले बढ़ते जा रहे हैं। भारत में डायबिटीज के बढ़ते मामलों पर वास्तव में चिंता जताई गई है। यदि आप भी इस गुप्त बीमारी का शिकार बन गए हैं, तो आपको गिलोय का काढ़ा पीना आरंभ करना चाहिए। वहीं, यदि आप इस बीमारी के क्रूर पक्ष में नहीं हैं और आगे भी इसे से बचना चाहते हैं, तो आपको इस काढ़े को अपने आहार में जोड़ लेना चाहिए।
डायबिटीज में रामबाण है गिलोय का काढ़ा Giloy decoction is a panacea for diabetes
औषधीय गुणों से भरपूर गिलोय (Giloy) का काढ़ा से आप अनेक बीमारियों में से एक डायबिटीज जैसी बीमारी से राहत पा सकते हैं। इस काढ़े से आपके ब्लड शुगर स्तर को नियंत्रित करके डायबिटीज का प्रबंधन किया जा सकता है। अगर आप गिलोय के फायदों के बारे में जानकर इसे अपने आहार में शामिल करना चाहते हैं, तो यह उपाय आपके लिए सहायक साबित हो सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, गिलोय की काढ़ा डायबिटीज रोगियों के लिए वरदान साबित हो सकता है।
इस विधि से बनाए गिलोय का काढ़ा Make decoction of Giloy with this method
गिलोय (giloy) के काढ़े का निर्माण उसकी बेल की डंडी या पाउडर, अदरक और पुदीने को मिक्सी में पीसकर एक पेस्ट बनाकर किया जाता है। इसके बाद, नीम की पत्तियों को धोकर गरम पानी में अच्छी तरह से उबाला जाता है। फिर, मिक्सी में पीसे गए पेस्ट को नीम की पत्तियों के उबले हुए पानी में मिलाया जाता है। इसके बाद, इस पानी में सेंधा नमक और काली मिर्च को डालकर काढ़े को छाना जाता है। गिलोय के काढ़े में एंटी-वायरल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इसका सेवन करके आप अपनी इम्यूनिटी को मजबूत कर सकते हैं। डायबिटीज को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन World Health Organization’s guideline on diabetes - विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देशों के अनुसार, आपको दिन भर में 5 ग्राम से अधिक चीनी का सेवन नहीं करना चाहिए। इससे डायबिटीज जैसी साइलेंट रहित कीलर बीमारी से बचने में मदद मिल सकती है।
- आपको एक दिन में केवल एक चमच चीनी का सेवन करना चाहिए ताकि डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारी से बचा जा सके।
- इसके अतिरिक्त, डायबिटीज से बचने के लिए, आपको स्वस्थ जीवनशैली और स्वस्थ आहार योजना का पालन करने का प्रयास करना चाहिए।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।