– पेट के अल्सर से छुटकारा दिलाने में भुट्टे मददगार होते हैं।
– कॉर्नफ्लेक्स के रूप में लेने पर यह हृदयरोग की रोकथाम में सहायक होता है।
– इसमें विटामिन बी और फॉलिक एसिड होता है जिससे खून की कमी दूर होती है।
– इससे आयरन की कमी पूरी होती है। भुट्टा लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में खास भूमिका निभाता है।
– भुट्टा आंतों में बैक्टीरिया या बीमारी फैलाने वाले जीवाणुओं को खत्म करता है जिससे कब्ज-बवासीर जैसी पाचन संबंधी समस्याएं नहीं होती।
– इससे दांत और मसूड़े भी मजबूत होते हैं।
ऊर्जा-मक्के में कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा का मेन पावर हाउस माना जाता है. भुट्टा खाने से पेट भरने के साथ-साथ आपको ढेर सारी एनर्जी मिलती है। इसके अलावा मक्के में मौजूद कार्ब्स ऐसे होते हैं कि वो आपके शरीर द्वारा धीरे-धीरे अवशोषित होते हैं। जिससे आपको लंबे समय तक एनर्जेटिक बने रहने में मदद मिलती है।
– कॉर्नफ्लेक्स के रूप में लेने पर यह हृदयरोग की रोकथाम में सहायक होता है।
– इसमें विटामिन बी और फॉलिक एसिड होता है जिससे खून की कमी दूर होती है।
– इससे आयरन की कमी पूरी होती है। भुट्टा लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में खास भूमिका निभाता है।
– भुट्टा आंतों में बैक्टीरिया या बीमारी फैलाने वाले जीवाणुओं को खत्म करता है जिससे कब्ज-बवासीर जैसी पाचन संबंधी समस्याएं नहीं होती।
– इससे दांत और मसूड़े भी मजबूत होते हैं।
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ऊर्जा-मक्के में कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा का मेन पावर हाउस माना जाता है. भुट्टा खाने से पेट भरने के साथ-साथ आपको ढेर सारी एनर्जी मिलती है। इसके अलावा मक्के में मौजूद कार्ब्स ऐसे होते हैं कि वो आपके शरीर द्वारा धीरे-धीरे अवशोषित होते हैं। जिससे आपको लंबे समय तक एनर्जेटिक बने रहने में मदद मिलती है।
कोलेस्ट्रॉल – बैड कोलेस्ट्रॉल हार्ट की बीमारी के जोखिम को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है। ऐसे में कॉर्न खाने से आप कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल कर सकते हैं. बता दें कि भुट्टे में विटामिन सी बायोफ्लेवोनॉयड्स, कैरोटेनॉयड्स, फाइबर मौजूद होता है जो कोलेस्ट्रॉल को घटाने में मदद करता है और आपके एड्रेस को ब्लॉक होने से बचाता है. इसे खाने से हार्ट डिजीज होने का रिस्क कम होता है.
कैंसर- मकई एंटीऑक्सीडेंट और फ्लेवोनॉयड से भरपूर है यह कैंसर के खतरे को कम करने में सहायक होता है ऐसा इसलिए है क्योंकि एंटीऑक्सीडेंट हानिकारक फ्री रेडिकल कंपाउंड के नकारात्मक प्रभाव को बेअसर करते हैं जो आपको कैंसर के खतरे में डालते हैं इसके अलावा मकई में फेरूलिक एसिड होता है जो स्तन और लिवर में मौजूद ट्यूमर के आकार को कम करने में बड़ी भूमिका निभाता है.
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कैंसर- मकई एंटीऑक्सीडेंट और फ्लेवोनॉयड से भरपूर है यह कैंसर के खतरे को कम करने में सहायक होता है ऐसा इसलिए है क्योंकि एंटीऑक्सीडेंट हानिकारक फ्री रेडिकल कंपाउंड के नकारात्मक प्रभाव को बेअसर करते हैं जो आपको कैंसर के खतरे में डालते हैं इसके अलावा मकई में फेरूलिक एसिड होता है जो स्तन और लिवर में मौजूद ट्यूमर के आकार को कम करने में बड़ी भूमिका निभाता है.
त्वचा-जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है मारी तो अच्छा मुक्त कणों से होने वाली क्षति से ग्रस्त हो जाती है. जिसके कारण झुर्रियां पड़ने लगती है. मक्का beta-carotene से भरपूर होता है. जो विटामिन ए विटामिन सी और अन्य एंटीऑक्सीडेंट बनाता है. यह आपकी त्वचा को स्वस्थ रखता है और उम्र बढ़ने के लक्षणों को रोकता है.
हड्डी-आपको मालूम होना चाहिए कि मक्का सिंह फॉस्फोरस मैग्नीशियम और आयरन जैसे खनिजों से भरपूर होता है यह खनिज आपकी हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं यह आपको गठिया जैसे हड्डियों से संबंधित बीमारियों से बचाता है.
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हड्डी-आपको मालूम होना चाहिए कि मक्का सिंह फॉस्फोरस मैग्नीशियम और आयरन जैसे खनिजों से भरपूर होता है यह खनिज आपकी हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं यह आपको गठिया जैसे हड्डियों से संबंधित बीमारियों से बचाता है.
आंख-मकई beta-carotene से भरपूर होता है। ये एक ऐसा कंपाउंड है जो विटामिन ए के निर्माण में मदद करता है. यह विटामिन आपकी दृष्टि में सुधार करने और आंखों से संबंधित कई तरह की समस्याओं को रोकने के लिए जाना जाता है. इसके अलावा मकई में मौजूद कैरीटीनॉयड मस्कुलर डिजनरेशन से बचाता है.
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डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।