अधिक मीठे से बचें : फैट पैदा करने के लिए लिवर खुद एक फ्रक्टोज (शक्कर की एक किस्म) का उपयोग करता है। ऐसे में अत्यधिक शक्कर या मीठा खाने से इसे क्षति पहुंच सकती है।
ज्यादा नमक का प्रयोग : खाने में अत्यधिक नमक के प्रयोग से लिवर में एक तरल पदार्थ बनता है, जो फैटी लिवर रोग का कारण है। इससे लिवर में सूजन आती है।
बाहरी खानपान : पैक्ड फूड व बाहर की अन्य चीजों में ट्रांसफैट पाया जाता है जो मोटापे की एक मुख्य वजह है। इनसे परहेज करें क्योंकि ऐसे खाद्य पदार्थ कई तरह के रोगों की वजह बन सकते हैं।
विटामिन-ए : इस सप्लीमेंट्स का प्रयोग लिवर के लिए नुकसानदायक है।
टैटू के उपकरण : आजकल शरीर पर टैटू बनवाने का चलन बढ़ रहा है। इसे बनाने वाले उपकरण यदि प्रत्येक उपयोग के बाद स्टेरिलाइज्ड (साफ) नहीं किए जाएं तो हैपेटाइटिस के इन्फेक्शन का कारण बन सकते हैं। इससे लिवर प्रभावित होता है।
दर्दनिवारक दवाएं : एंटीडिप्रेसेंट्स, स्टेरॉइड्स व कई अन्य दर्द निवारक दवाओं से भी लिवर को नुकसान होता है। इन्हें लेने से बचें।
सॉफ्ट ड्रिंक्स से परहेज-
सॉफ्ट ड्रिंक्स में आर्टिफिशियल स्वीटनर का प्रयोग किया जाता है। इन्हें ज्यादा मात्रा में लेने से व्यक्तिधीरे-धीरे इनका आदी होने लगता है जिससे मोटापे की समस्या हो सकती है। इससे नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लिवर का खतरा भी बढ़ता है।