किसे कितनी जरूरत
– नवजात बच्चों और किशोरों को कैल्शियम की सबसे ज्यादा जरूरत होती है व उन्हें कैल्शियम की 60 प्रतिशत मात्रा भोजन के माध्यम से मिल जाती है, इसलिए उनका आहार कैल्शियम से भरपूर होना चाहिए।
– नवजात बच्चों और किशोरों को कैल्शियम की सबसे ज्यादा जरूरत होती है व उन्हें कैल्शियम की 60 प्रतिशत मात्रा भोजन के माध्यम से मिल जाती है, इसलिए उनका आहार कैल्शियम से भरपूर होना चाहिए।
– युवाओं और 21 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों में कैल्शियम की मात्र 20 प्रतिशत मात्रा भोजन के माध्यम से शरीर में पहुंच पाती है इसलिए उन्हें कैल्शियम के लिए सप्लीमेंट्स पर निर्भर रहना पड़ता है।
शरीर में कैल्शियम के साथी
मैगनीशियम : शरीर में कैल्शियम को एब्जोर्ब करने और संरक्षित रखने में सहायक होता है
विटामिन डी : सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व जो शरीर में कैल्शियम को एब्जोर्ब करने और खून में नियंत्रित करने में मदद करता है।
विटामिन के : शरीर के कैल्शियम को नियंत्रित करने में मदद करता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है।
मैगनीशियम : शरीर में कैल्शियम को एब्जोर्ब करने और संरक्षित रखने में सहायक होता है
विटामिन डी : सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व जो शरीर में कैल्शियम को एब्जोर्ब करने और खून में नियंत्रित करने में मदद करता है।
विटामिन के : शरीर के कैल्शियम को नियंत्रित करने में मदद करता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है।
कैल्शियम की कमी के संकेत
त्वचा में रुखापन, ऑस्टियोपोरोसिस, हड्डी में बार-बार फ्रैक्चर, ज्यादा कमी से अंगुलियां के सुन्न होने की समस्या, हृदय की धड़कनें असामान्य होने के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। कैल्शियम कमी से नुकसान
50 वर्ष से ज्यादा उम्र की हर तीन में से एक महिला को ऑस्टियोपोरोसिस के कारण फ्रैक्चर की आशंका है।50 वर्ष से ज्यादा उम्र के हर पांच में से एक पुरुष को ऑस्टियोपोरोसिस के कारण फ्रैक्चर की आशंका है।
त्वचा में रुखापन, ऑस्टियोपोरोसिस, हड्डी में बार-बार फ्रैक्चर, ज्यादा कमी से अंगुलियां के सुन्न होने की समस्या, हृदय की धड़कनें असामान्य होने के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। कैल्शियम कमी से नुकसान
50 वर्ष से ज्यादा उम्र की हर तीन में से एक महिला को ऑस्टियोपोरोसिस के कारण फ्रैक्चर की आशंका है।50 वर्ष से ज्यादा उम्र के हर पांच में से एक पुरुष को ऑस्टियोपोरोसिस के कारण फ्रैक्चर की आशंका है।
कैल्शियम बढ़ाने के उपाय
रोजाना दूध पिएं। दूध से बने उत्पाद, बादाम, अंजीर, फलियां, पालक आदि। धूम्रपान और तंबाकू से तौबा करें, ये कैल्शियम के स्तर को घटाते हैं। लंबे समय तक स्टेरॉयड युक्तदवाएं न लें। कैल्शियम की मात्रा की जांच के लिए हर छह महीने में बीएमडी टेस्ट (बोन मिनरल डेंसिटी टेस्ट) कराएं।
रोजाना दूध पिएं। दूध से बने उत्पाद, बादाम, अंजीर, फलियां, पालक आदि। धूम्रपान और तंबाकू से तौबा करें, ये कैल्शियम के स्तर को घटाते हैं। लंबे समय तक स्टेरॉयड युक्तदवाएं न लें। कैल्शियम की मात्रा की जांच के लिए हर छह महीने में बीएमडी टेस्ट (बोन मिनरल डेंसिटी टेस्ट) कराएं।
इन्हें कहें हां
हल्की धूप लें। इससे शरीर में विटामिन डी बनता है जो शरीर में कैल्शियम को एब्जोर्ब करने के लिए बेहद जरूरी है। इनको कहें ना
शराब, नमक, रेड मीट, कॉफी और सॉफ्ट ड्रिंक खून में हड्डियों के लिए जरूरी कैल्शियम के स्तर को घटा सकते हैं।
हल्की धूप लें। इससे शरीर में विटामिन डी बनता है जो शरीर में कैल्शियम को एब्जोर्ब करने के लिए बेहद जरूरी है। इनको कहें ना
शराब, नमक, रेड मीट, कॉफी और सॉफ्ट ड्रिंक खून में हड्डियों के लिए जरूरी कैल्शियम के स्तर को घटा सकते हैं।