दिमाग और हृदय को शक्ति प्रदान करने के साथ पेट के रोगों में भी बील को रामबाण माना गया है। यह एसिडिटी दूर कर शरीर की इम्युनिटी क्षमता बढ़ाता है।
अल्सर और कब्ज के साथ पेचिस की समस्या में यह फायदेमंद है। पेट संबंधी समस्या में इसका मुरब्बा ले सकते हैं।
गर्मियों में लू लगने पर बील का शर्बत पीने से तुरंत आराम मिलता है और तपते शरीर की गर्मी भी दूर होती है।
पीलिया में बील की कोंपलों का पचास ग्राम रस, एक ग्राम पिसी काली मिर्च मिलाकर सुबह-शाम पिलाएं, आराम मिलेगा।
सौ ग्राम पानी में थोड़ा बील का गूदा डालकर उबालें। ठंडा होने पर गरारा करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।
सिरदर्द में बीलपत्र के रस से भीगी पट्टी को माथे पर रखें। पुराना सिरदर्द होने पर कुछ पत्तों का रस निकाल कर पी जाएं। गर्मियों में इसमें थोड़ा पानी मिला लें। जल्द ही आराम मिलने लगेगा।
पके बील में चिपचिपापन होता है इसलिए यह डायरिया रोग में काफी फायदेमंद है। यह फल पाचक होने के साथ शक्तिवर्धक भी है।