ये सावधानियां रखें : तेज पंखे का प्रयोग न करें। पुराना रुटीन बदलते हुए ठंडा व ज्यादा पानी पीने की आदत से परहेज करें। एसी न चलाएं और थोड़े मोटे कपड़े पहनना शुरू करें।
इस आहार से परहेज : आहार में दही, अचार, खोआ से बनी मिठाइयां, मैदा व इससे बनी चीजों, तीखे खाद्य, अदरक-लहसुन के प्रयोग से पित्त की मात्रा बढऩे की आशंका रहती है। इनका करें स्वागत : अपने रूटीन में मुनक्का, खजूर, अनार, आंवला, हर दिन आधा चम्मच शहद जैसी औषधीय गुणों से भरपूर चीजें अच्छी मात्रा में खाना जरूरी हैं।
कुछ आसान उपाय
सौंठ या केसर युक्त दूध लें। देसी घी खाएं।
आधा चम्मच हरड़ या त्रिफला चूर्ण लें।
धनिया व सौंफ पर्याप्त मात्रा में लेने चाहिए। खीर, रसगुल्ले, रसमलाई आदि खा सकते हैं।
दिक्कत में गुनगुना पानी पीएं व गरारे करें।
सौंठ, तुलसी पत्ते, कालीमिर्च व हल्दी की दिनों में दो बार चाय पीएं।
सौंठ या केसर युक्त दूध लें। देसी घी खाएं।
आधा चम्मच हरड़ या त्रिफला चूर्ण लें।
धनिया व सौंफ पर्याप्त मात्रा में लेने चाहिए। खीर, रसगुल्ले, रसमलाई आदि खा सकते हैं।
दिक्कत में गुनगुना पानी पीएं व गरारे करें।
सौंठ, तुलसी पत्ते, कालीमिर्च व हल्दी की दिनों में दो बार चाय पीएं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।