डायबिटीज रोगियों के लिए गुणकारी
सांवा खाने से ब्लड शुगर नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। यह लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला अनाज है, इसलिए यह धीरे-धीरे पचकर शरीर को एनर्जी देता है। इसमें आयरन की मात्रा काफी होती है, जिससे आयरन की कमी के चलते होने वाले रोग एनीमिया में यह राहत दे सकता है। समा के चावल में सोडियम की मात्रा नहीं होती है। ऐसे में शरीर का ब्लड सर्कुलेशन सामान्य रखने में मदद मिलती है। इसे हर रोगी खा सकता है।
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अनार से 5 गुना ज्यादा आयरन
सांवा में सामान्य चावल के मुकाबले 30 गुना ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। यह एंटीएजिंग का काम करता है। बढ़ी उम्र को रोकता है। इसमें अनार की तुलना से 5 गुना अधिक आयरन है। महिलाओं के लिए उपयोगी आहार है। थकान और चक्कर की समस्या में राहत मिलती है। जिन्हें लो शुगर की समस्या उन्हें इसे कम मात्रा में खाना चाहिए। इस रूप में खाएं सांवा : व्रत की खिचड़ी, पूड़ी, कचौरी, पुलाव, डोसा, खीर, चकली, इडली, उत्तपम, टिक्की, चीला, पकौड़े आदि भी बना सकते हैं।
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सांवा के अन्य फायदे
समा के चावल में प्रोटीन भी उच्च स्तर पर मौजूद होता है। जिससे शरीर हल्का और एनर्जेटिक बना रहता है। इसके अलावा शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। समा के चावल ग्लूटेन फ्री होते हैं। इससे शरीर सभी तरह के पोषक तत्त्वों को आसानी से अवशोषित करने में मदद मिलती है।
कब्ज की परेशानियों से राहत दिलाने में यह फायदेमंद हो सकते हैं। इसमें घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर भरपूर रूप से होते हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।