शहर में संचालित ब्लड 24 घंटे हेल्प संगठन सोशल मीडिया पेज के माध्यम से लोगों को रक्तदान करने के लिए आगे आ रहे है। इनके पेज से जुडकऱ लोग भी इनके समूह में जुड़ रहे है।
राजस्थान पत्रिका ने ऐसे युवाओं से चर्चा की इनसे पूछा की रक्त से जुड़ी गलतफहमियों में लोग अभी भी शामिल हैं। तो युवाओं ने काफी जानकारी दी। ऐसे युवा अब रक्त के लिए किसी को परेशानी नहीं होने देते है। आपकों इनके बारे में बताते है।
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गौरव श्रोति ने बताया कि वह ब्लड 24 घंटे हेल्प के संस्थापक है। अभी तक वह 24 बार रक्तदान कर चुके है। सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से जुड़ रहे है। जरूतर पड़ने पर वह आगे अस्पताल में पहुंचकर रक्तदान करते है। उन्होंने बताया कि रक्तदान को लेकर उनकी मां काफी मना करती थी। लेकिन धीरे-धीरे वह अब समझ गई कि उनका बेटा रक्तवीर बन गया है। अब उनका डर समाप्त हो गया है। कमल ठाकुर ने बताया कि वह ब्लड 24 घंटे के अध्यक्ष है। वह अभी तक 29 बार रक्तदान कर चुके है। सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को ब्लड देने के लिए पहुंचते है। उसके बाद जिस अस्पताल में मरीज भर्ती होता है। वहां पर रक्तदान करके लौट आते है। उनकी मां पहले मना करती थी कि हर बार बेटा रक्तदान मत किया करो, लेकिन समय बदलता गया। मां भी अब सहयोग करती है।
गौरव बाथम ये वह सदस्य हैं जो ब्लड 24 घंटे समूह में शामिल है। अब तक 26 बार रक्तदान कर चुके है। फोन से सूचना मिलते ही रक्तदान के लिए अस्पताल पहुंच जाते है। मरीज से मिलकर उनकी परेशानी पूछते है। अगर उनके पास कोई ब्लड देने के लिए नहीं हैं तो गौरव रक्तदान कर मरीज की जान बचाते है। हर तीन माह में रक्तदान कर देते है।
सौरभ जैन ने बताया कि वह अभी तक 14 बार रक्तदान कर चुके है। समूह से जुडकऱ लोगों को ब्लड देने के लिए पहुंचते है। मरीज को रक्त देने के लिए आगे आ रहे है।