प्रभावशाली युवक कारोबार में शामिल बृजेश और उसके पिता रामसहाय मेहनत मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करते है। कारोबार से जुड़े गैंग के धमकाने से रामसहाय का परिवार मानसिक रूप से पीडि़त है। रामसहाय ने 11 सितम्बर को बसेड़ी थाना में भी उक्त घटना की रिपोर्ट दी थी। मामले में एसपी को भी प्रार्थना पत्र सौंपा। लेकिन अभी तक सट्टा कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई है। केवल पाबंद कर छोड़ देने का आरोप है। चेयरमैन प्रतिनिधि कुशवाहा ने आरोप लगाया कि ऑनलाइन सट्टे का कारोबार कस्बे के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में भी कई गांव में बड़े पैमाने में संचालित है उनका कहना है कि कस्बे के बड़ी संख्या में युवा इस दलदल में फंस चुके हैं ऐसे में उनके परिजन परेशान हैं।
फिर से सक्रिय हुए सट्टेबाज बता दें कि दो-तीन माह पहले आईजी राहुल प्रकाश तथा पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में बसेड़ी पुलिस की ओर से ऑनलाइन सट्टे के कारोबार को लेकर कार्रवाई की और एक युवा को गिरफ्तार किया था। पुलिस की सख्ती से कुछ दिन सट्टे कारोबार के लोग पलायन कर गए थे। लेकिन अब ये फिर से सक्रिय हो गए हैं। लोगों का कहना है कि स्थानीय पुलिस लगातार कार्रवाई करने पर इस पर रोक लग सकेगी। सामाजिक संगठन तथा कस्बे के नागरिकों ने आईजी व एसपी ने ठोस कार्रवाई की मांग की है।
नागरिकों की ओर से ऑनलाइन सट्टे के कारोबार को लेकर ज्ञापन दिया है। कार्रवाई के लिए पुलिस के उच्च अधिकारी को भिजवाया जा रहा है।
- अनूप सिंह, एसडीएम बसेड़ी
अखिल भारतीय किसान सभा की बैठक कस्बे के राजोरा खुर्द में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष पेमाराम ने की। बैठक में वक्ता के रूप में मंच पर प्रदेश महासचिव छगन चौधरी, भरतपुर संभाग अध्यक्ष नत्थी लाल शर्मा मौजूद रहे। बैठक को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष पेमाराम ने कहा राजस्थान के कुछ जिलों में हुई अतिवृष्टि के चलते किसानों को पशुधन एवं फसल का बड़ी मात्रा में नुकसान हुआ है। किसानों के नुकसान को लेकर सरकार ने मुआवजे के नाम पर गिरदावरी कर किसानों को गुमराह किया जा रहा है, जबकि सरकार ने प्राइवेट बीमा कंपनियों को छूट दे रखी है जो किसानों के केसीसी से करोड़ों रुपए फसल बीमा के नाम पर ठगते हैं, लेकिन फसल नुकसान होने के बावजूद भी उन बीमा कंपनियों को सरकार ने मुआवजे के लिए बाध्य नहीं किया है। वहीं मुआवजा देने के नाम पर महज गिरदावरी कर पल्ला झाड़ दिया जाता है। किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार से दो-दो हाथ करने के लिए किसानों को संघठित किया जा रहा है। जिससे आगे की रणनीति बनाकर किसानों की समस्याओं को सरकार तक रख सकेंगे। वहीं बैठक को संबोधित करते हुए महासचिव छगन चौधरी ने कहा पूर्वी राजस्थान के कुछ जिलों में किसान संगठन कमजोर है, इसलिए हम पूर्वी राजस्थान के इन जिलों में अपने संगठन को मजबूत करने के लिए किसान भाइयों को संगठित कर रहे हैं। जिससे किसानों के साथ हो रहे उद्योगपतियों एवं सरकार के शोषण के विरुद्ध संगठित होकर अपने हक की लड़ाई लड़ सकेंगे।