नेशनल हाइवे ऑफ अथॉरिटी की ओर से दस दिन पहले ही हाइवे सहित सर्विस रोडों पर पेचवर्क का कार्य कराया गया था, लेकिन पेचवर्क के कुछ घंटों बाद ही पेचवर्क की कंक्रीट उखडऩी शुरू हो गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि हाइवे अथॉरिटी कर्मचारियों ने जो पेचवर्क कराया है वह भी समझ से परे है। क्योंकि जहां पेचवर्क किया गया है वहीं उसके पास दो-दो फीट के गहर गड्ढे मुंह खोले हैं। जिनका पेचवर्क तो किया ही नहीं। जिससे यह प्रतीत होता है कि अथॉरिटी ने पेचवर्क को सिर्फ खानापूर्ति तक ही सीमित रखा है। क्योंकि जिम्मेदारों ने मरम्मत के नाम लाखों रुपए खर्च कर कंक्रीट बिछा दी, जिसमें डामर की मात्रा न के बराबर थी। यही कारण है कि भरवाए गए गड्ढों में भ्रष्टाचार का कंक्रीट फटने लगा है। सर्विस रोड पर खुले गड्ढे होने के कारण आते-जाते वाहन चालक इनका शिकार हो रहे हैं।
खुले गड्ढों का शिकार बन रहे वाहन चालक नेशनल हाइवे ऑफ अथॉरिटी बारिश के बाद खुदे हाइवों का पेचवर्क करा रहा है। मगर धौलपुर में पेचवर्क कार्य सिर्फ खानापूर्ति ही दिखाई दे रहा है। हाइवे पर कुछ जगह गड्ढों में डामर युक्त कंक्रीट डाल उनको बंद कर दिया है लेकिन अभी भी कई गड्ढे खुले छोड़ दिए गए हैं। जिनसे हादसे का भय सदा बना रहता है। सर्विस रोडों की भी हालत यही है। यहां भी गड्ढों पर पेचवर्क नहीं किया गया है। और जहां पेचवर्क किया गया है वहां कंक्रीट उखड़ रही हैं। खुले गड्ढों मेेंं पानी भरे होने से वाहन चालकों को उनके गहराई का अंदाजा नहीं लगता जिस कारण दोपहिया वाहन चालक इन गड्ढों से गिरकर घायल हो रहे हैं।
शहर में कराए गए पेचवर्क की भी खुली कलई धौलपुर शहर की मुख्य सडक़ों पर सार्वजनिक निर्माण विभाग ने कराया गए पेचवर्क भी चंद कुछ घंटों में ही उखडऩा शुरू हो गया है। विभाग नेे स्टेशन रोड, पैलेस रोड, लाल बाजार, हनुमान तिराहा, राजाखेड़ा बाइपास, सब्जी मंडी रोड पर कराए गए पेचवर्क में अधिकारियों की लापरवाही दिखाई दे रही है। पेचवर्क की गिट्टियां दो दिन बाद ही उखडऩे लगी। गिट्टियां सडक़ पर फैल रही हैं तो क्षतिग्रस्त सडक़ों से धूल का गुबार आसमान में उड़ता रहता है। इससे दोपहिया वाहन चालकों को परेशानी हो रही है। शहर में मुख्य सडक़ों से लेकर कॉलोनियों और गलियों तक की सडक़ों पर गड्ढे हो रहे हैं, जिससे शहर की जनता परेशान है।
सर्विस रोड पर कराए गए पेचवर्क के बाद उखड़ रही कंक्रीट और छोड़ दिए गए गड्ढों को जल्द ही दिखवाया जाएगा। तथा उन्हें भरा जाएगा।-उमाकान्त मीणा, प्रोजेक्ट निदेशक नेशनल हाइवे 44