dholpur, सरमथुरा. करौली धौलपुर वन्यजीव अभ्यारण्य में बाघ की तबीयत नासाज होने की इत्तला के बाद तीसरे दिन बाघ का मूवमेंट बदलते ही रणथंभौर वन्यजीव अभ्यारण्य की टीम रवाना हो गई। दो दिन तक बाघ की नाले में होने की पुष्टि जरूर हुई थी, लेकिन तीसरे दिन बाघ को नाले से बाहर निकलने के बाद वनविभाग के अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
हालांकि बाघ की तबीयत को लेकर वनविभाग के अधिकारियों ने चुप्पी साधे रखी, लेकिन रीझौनी वनखंड में बाघ के मूवमेंट को चिंतित जरूर थे। फिलहाल बाघ को रिहायशी इलाकों के करीब देख एक्सपर्ट टीम बाघ की निगरानी में लगी हुई है। उपवन संरक्षक धौलपुर वी चेतन कुमार ने बताया कि वन्यजीव अभ्यारण्य में रीझौनी वनखंड में बाघ का मूवमेंट बना हुआ है। बाघ का मूवमेंट रिहायशी इलाकों के करीब होने के कारण आमजन की सुरक्षा की दृष्टि से वनविभाग की एक्सपर्ट टीम बाघ की निगरानी में लगी हुई है। तीसरे दिन बाघ को सुरक्षित देख रणथंभौर की एक्सपर्ट टीम रवाना हो गई है। फिलहाल वन अधिकारियों ने बाघ को कोई खतरा नहीं होने का दावा किया है
आपको बता दें कि करौली धौलपुर वन्यजीव अभ्यारण्य में बाघ की तबीयत नासाज होने की इत्तला पर तीन दिन तक वनविभाग के अधिकारियों के साथ रणथंभौर की एक्सपर्ट टीम सहित चिकित्सकों की टीम ने बाघ की निगरानी की थी। हालांकि दो दिन तक बाघ का मूवमेंट नाले में ही रहा लेकिन तीसरे दिन बाघ का मूवमेंट बदलते ही वन अधिकारियों ने राहत की सांस ली। दो दिन तक नाले में से एक-एक घंटे के अन्तराल बाद बाघ की दहाड़ सुनाई दे रही थी।
अभ्यारण्य में बाघ, पैंथर, जरख, लोमड़ी, भेडिय़ा, भालू होने के प्रमाण वन अभ्यारण्य में पैंथर, गीदड़, जरख, लोमड़ी, भेडिय़ा, भालू, सांभर व बगरबिज्जू होने के प्रमाण वनविभाग पर हैं। इसके अलावा दो टाइगर व तीन शावक लगातार विचरण कर रहे हैं। हालांकि बाघों का मूवमेंट बदलता रहता है। वन्यजीव अभ्यारण्य से सटे इलाकों में बाघों के मूवमेंट को देखते हुए विभाग ने रात्रि गश्त के साथ साथ कैमरें लगाकर जानवरों की निगरानी करना शुरू कर दिया है।
रीझौनी वनखंड में चरवाहों ने बाघ की देखी झलक बुधवार को भेडेकी के नाले से बाघ का मूवमेंट रीझौनी वनखंड में होने से जंगल में भगदड़ मच गई। पशु चराने गए चरवाहों ने जंगल में आंखों से बाघ की झलक देख बैरंग लौट आए। हालांकि वनविभाग की टीम ने बाघ की निगरानी करने की पुष्टि चरवाहों ने की है। वन अधिकारियों ने आमजन की सुरक्षा की दृष्टि से जंगल में बाघ के मूवमेंट को देख चरवाहों को जंगल में नही जाने की हिदायत दी है।