तेल कम्पनियों का मानना है कि लम्बे समय से सर्वे नहीं होने से कई उपभोक्ताओं को सब्सिडी मिलने में दिक्कतें आ रही हैं। कई मृतकों के नाम भी सूची से नहीं हटाए गए। कम्पनियों का मुख्य मकसद बोगस उपभोक्ताओं को सूची से हटाना माना जा रहा है। इसमें पांच से दस प्रतिशत उपभोक्ताओं पर गाज गिर सकती है, ताकि घरेलू और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को चिह्नित किया जा सके। साथ ही जिन लोगों की मृत्यु हो गई है, उनके नाम काटकर उनके उत्तराधिकारी के नाम पर कनेक्शन दिया जाएगा।
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इनका कहनाई-केवाईसी के लिए संबंधित कनेक्शन धारक को गैस एजेन्सी पर आना होगा। इसके लिए गैस कनेक्शन वाली नीली डायरी, आधार कार्ड के साथ बॉयो मैट्रिक आंखों और अंगूठे को स्कैन किया जाएगा।अब ई-केवाईसी सभी उपभोक्ताओं को करवाना अनिवार्य कर दिया है। अजीत सिंह पूनिया, संचालक गैस एजेंसी,रुदावल