यानी धौलपुर सीमा से निकलते समय फर्जी नम्बर प्लेट का उपयोग करते हैं। उधर, चंबल में पानी उतरने के बाद बजरी माफिया फिर से सक्रिय हो गया है। यहां एमपी सीमा में बड़े स्तर पर चंबल किनारे घाटों से बजरी निकालने कार्य किया जा रहा है। यहां से ट्रकों में बजरी लादकर माफिया यूपी के आगरा व मथुरा में बजरी सप्लाई करता है।
बजरी माफिया रजिस्ट्रेशन प्लेट बदलने के साथ ही राजस्थान के यूपी बॉर्डर बरैठा तक करीब 28 किलोमीटर के दायरे में खासा सतर्क रहता है। माफिया के लोग इस दौरान पुलिस, वन और खनिज विभाग के सरकारी वाहनों पर पैनी नजर रखते हैं। विशेष कर पुलिस थानों के वाहनों की यह चौकसी करते हैं।
धौलपुर में सागरपाडा से बरैठा के बीच माफिया की करीब दो से तीन गाड़ियां हाईवे पर एस्कॉर्ट करती हैं। थाने से सरकारी गाड़ी बाहर निकलती है तो यह बजरी लदे वाहनों को रुकवा देते हैं। इन वाहनों को ढाबे के पास रोक देते हैं। रास्ता साफ होने पर फिर से बजरी लदे वाहन यूपी बॉर्डर की तरफ दौड़ जाते हैं।
राजस्थान में आई गई बजरी की नई रेट, ऐसे बनाए नियम, जानें हाईवे पर 4 थानों की लगती है सीमा
जिले
से गुजर रहे हाईवे संख्या 44 पर चार पुलिस थानों की सीमा लगती है। इसमें मध्यप्रदेश के सागरपाड़ा की तरफ से कोतवाली, बस स्टैण्ड के आसपास निहालगंज, फिर सदर थाना और यूपी के आगरा बॉर्डर की तरफ मनियां थाने की सीमा लगी है।
अवैध बजरी परिवहन के खिलाफ पिछले कुछ समय से सदर थाना पुलिस ने सख्ती दिखाई है। जनवरी अभी तक हाईवे के थाने बजरी माफिया के खिलाफ 35 से अधिक मुकदमे दर्ज कर 52 जनों को गिरफ्तार कर चुके हैं। इसमें तीन दर्जन वाहन भी जब्त किए हैं।
नई-नई तरकीब करते हैं इस्तेमाल
बजरी माफिया ने पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए कुछ समय पहले बजरी लदे वाहनों को निकालने के लिए उस पर ऊपर की तरफ डस्ट डलवा दी। इससे पुलिस को बजरी नहीं दिखे। लेकिन पुलिस ने सूचना पर चार वाहनों को हाईवे पर जब्त किया था। इसी तरह हाल में त्रिपाल से ढककर बजरी ले जाते भी कुछ वाहन पकड़े हैं।
वाहनों पर फर्जी नम्बर प्लेट
बजरी माफिया पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। हाईवे से बजरी निकालने के लिए यह अलग-अलग तरीके इस्तेमाल करते हैं। जिसको लेकर पुलिस बेहद चौकन्नी है। कुछ वाहनों पर फर्जी नम्बर प्लेट लगी मिली हैं।
– सुमित मेहरड़ा, एसपी धौलपुर