इसमें सर्वाधिक गांव धौलपुर के 60 और करौली के 48 गांव शामिल हैं। यह पार्क 757.01 वर्ग मीटर में फैला होगा। इसमें बफर जोन का एरिया 457 वर्ग किलोमीटर का रहेगा। शेष 599 वर्ग किलोमीटर कोर एरिया रहेगा। बाघ का यहां तक मूवमेंट रह सकता है। भरतपुर संभाग में यह पार्क रणथम्भौर टाइगर रिजर्व के पास दूसरा पार्क होगा, जहां पर्यटक टाइगर के साथ जंगल की सैर कर सकेंगे।
पैंथर, लोमड़ी, जरख भी दिखाई देंगे
टाइगर रिजर्व में बाघों के साथ अन्य वन्यजीव भी दिखाई देंगे। सरमथुरा रेंज में वन्यजीवों की गणना के अनुसार 40 से अधिक पैंथर, 250 के करीब गीदड़, 25 के आस-पास जरख, 10 से 15 लोमड़ी, 15 से 20 भेड़िया, 25 से 30 भालू, 25 के आस-पास सांभर व इतने बगरबिज्जू मौजूद हैं। अभयारण्य में 400 के करीब नीलगाय, 500 से अधिक जंगली सूअर भी विचरण करते हैं। बता दें कि करौली व धौलपुर जिले का डांग इलाके का जंगल काफी घना है और वन्यजीवों के लिए यह क्षेत्र काफी अनुकूल है।
धौलपुर की सीमा में 5 बाघों का मूवमेंट
धौलपुर की सीमा में वर्तमान में 5 बाघों को मूवमेंट है। इसमे दो वयस्क व 3 शावक हैं। वयस्क बाघों के नाम टी-116 और टी-117 हैं। वहीं, धौलपुर व करौली के क्षेत्र में टी-2303 मादा टाइगर भी घूम रही है। ये करौली के मण्डरायल से धौलपुर के दमोह के जंगल में देखी गई है। अभी स्थायी ठिकाना नहीं बनाया है।
क्षेत्र में पर्यटन को लगेंगे पंख
टाइगर रिजर्व के संभवतया अगले साल के शुरुआत तक पर्यटकों के लिए शुरू होने की संभावना है। टाइगर रिजर्व से धौलपुर पर्यटन मानचित्र के नक्शे पर उभर सकेगा। अभी तक धौलपुर में जो पर्यटक आते हैं वे चंबल सफारी के लिए पहुंचते हैं, लेकिन यह ज्यादा विकसित नहीं है। टाइगर रिजर्व के शुरू होने से एनसीआर क्षेत्र से पर्यटक यहां पहुंच सकेंगे। धौलपुर करौली टाइगर रिजर्व के लिए बफर जोन इलाका चिह्नित कर लिया है। इसमें दोनों जिले के 108 गांव शामिल हैं। बफर जोन की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव बनाकर विभाग को भेजा है। बफर जोन की स्वीकृति के बाद रिजर्व पार्क में कार्य शुरू हो जाएगा। – नाहर सिंह सिनसिनवार, डीएफओ, राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य
धौलपुर करौली टाइगर रिजर्व पार्क के बफर जोन प्रस्ताव को जल्द स्वीकृति मिलने की संभावना है। इसके बाद ही पार्क को पर्यटकों के लिए शुरू कराने का प्रयास होगा। – श्रीनिधि बी टी, जिला कलक्टर, धौलपुर