बीहड़ के गांवों में कर रखा स्टॉक मानसूनी सीजन में हर साल चंबल का जलस्तर बढ़ता है। जुलाई, अगस्त और सितम्बर माह में चंबल बजरी निकासी प्रभावित होती है। इस स्थिति से बचने के लिए माफिया पहले ही अवैध बजरी का चंबल से लगे गांव और बीहड़ इलाके में चुनिंदा स्थानों पर बड़े सतर पर स्टॉक कर लेता है। ये स्टॉक सैकड़ों टनों में होता है। माफिया मुख्यतय धौलपुर शहर में कोतवाली थाना क्षेत्रए राजाखेड़ा के दिहौली, बाड़ी में सदर थाना इलाके में बजरी का स्टॉक करता है। इन्हीं स्थानों से माफिया दाम बढ़ाकर सप्लाई करता है।
जिले में इन स्थानों से निकल रही अवैध बजरी जिले के राजाखेड़ा उपखण्ड क्षेत्र में शंकरपुरा, कछियारा घाट, समौना टिढावली, गढ़ीजाफर एवं धौलपुर में तिर्घरा, घुरैया खेड़ा, मौरोली तथा बाड़ी उपखण्ड क्षेत्र में बसई डांग के नगर, रजई, सोने का गुर्जा, सेवरपाली घाट और सरमथुरा क्षेत्र में झिरी के आसपास से चंबल की प्रतिबंधित अवैध बजरी का निकासी हो रही है।
चंबल घडिय़ाल सेंचुरी के चलते रोक बता दें कि जिले में चंबल नदी से सटा इलाका चंबल घडिय़ाल सेंचुरी अंतर्गत है। जलीय जीवों को संरक्षित करने के लिए यहां पर बजरी निकासी पूर्णतय प्रतिबंधित है। हालांंकि कई इलाके ऐसे हैंए जहां पर जलीय जीवों की आवाजाही नहीं है लेकिन इसके बाद भी वहां भी बजरी निकासी पर रोक लगा रखी है। राज्य सरकार की ओर से यहां बजरी उठाव का ठेका भी नहीं होता है। इसके चलते बजरी माफिया एक पैसा सरकार को दिए बिना लाखों रुपए बना रहा है।
एक हजार टन कराई थी बजरी नष्ट पुलिस ने गत 20 जून में शहर के कोतवाली क्षेत्र में गुर्जर कॉलोनी में छापेमारी कर अवैध बजरी का बड़ा स्टॉक नष्ट कराया था। पुलिस ने करीब 1 हजार टन अवैध स्टॉक को नष्ट करवाया था। इसी तरह पुलिस जुलाई माह में 122 टन अवैध बजरी को जब्त किया था। लेकिन कार्रवाई का अवैध बजरी परिवहन पर खास असर नहीं दिख रहा।