…फिर भी चिकित्सालय में पहुंच रहे मरीज
शहर में दस ई-मित्र केन्द्रों पर रोगी पर्चा बनवाने की सुविधा उपलब्ध होने के बाद भी राजकीय सामान्य चिकित्सालय में रोज 800 से 1000 तक मरीज पहुंच रहे हैं। लेकिन वहां पर स्थिति यह है कि जहां पहले तीन पर्चा काउण्टर थे, वहां पर अब केवल एक ही पर्चा काउण्टर रख दिया गया है।


…फिर भी चिकित्सालय में पहुंच रहे मरीज
…फिर भी चिकित्सालय में पहुंच रहे मरीज
धौलपुर. शहर में दस ई-मित्र केन्द्रों पर रोगी पर्चा बनवाने की सुविधा उपलब्ध होने के बाद भी राजकीय सामान्य चिकित्सालय में रोज 800 से 1000 तक मरीज पहुंच रहे हैं। लेकिन वहां पर स्थिति यह है कि जहां पहले तीन पर्चा काउण्टर थे, वहां पर अब केवल एक ही पर्चा काउण्टर रख दिया गया है।
इससे रोगियों को पर्चा लेने में दिक्कत आ रही है। जबकि इसके अलावा ई-मित्र केन्द्रों से भी पर्चा बनवा रहे हैं। हालांकि दस ई-मित्र केन्द्रों में से कुछेक ही ई-मित्र केन्द्रों पर मरीज पहुंच रहे हैं। इससे राजकीय सामान्य चिकित्सालय के आउटडोर में मरीजों का भार कम नहीं हो रहा है। इसके चलते मरीजों को एक दिन पर्चा लेने में ही निकल जाता है।
जिला कलक्टर ने शुरू की थी व्यवस्था
राजकीय सामान्य चिकित्सालय में रोगी पर्चा के लिए मारामारी तथा परेशानी को देखते हुए जिला कलक्टर ने नई पहल करते हुए शहर के दस ई-मित्र केन्द्रों पर रोगी पर्चा बनवाने की व्यवस्था की थी। इनका प्रचार-प्रसार भी किया गया था, लेकिन मरीज कुछ ही केन्द्रों पर पहुंच रहे हैं। शेष मरीज चिकित्सालय से ही पर्चा कटवा रहे हैं। ई-मित्र केन्द्रों पर पर्चा बनवाने की व्यवस्था करने के बाद राजकीय सामान्य चिकित्सालय के आउटडोर में संचालित तीन पर्चा काउण्टर से दो पर्चा काउण्टर हटा दिए गए। इससे अब केवल एक ही पर्चा काउण्टर ही रह गया है। इससे मरीजों को पर्चा लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। वहीं एक ही खिडक़ी से सामान्य मरीज, महिलाएं पर्चा ले रही हैं।
प्रचार-प्रसार की और जरूरत
शहर में खुले ई-मित्र केन्द्रों पर रोगी पर्चा बनवाने की व्यवस्था के बारे में कम ही लोगों को पता है। इसके चलते वे सीधे ही राजकीय सामान्य चिकित्सालय में पहुंच जाते हैं, जहां घण्टों इंतजार करना पड़ता है। जबकि अगर ई-मित्र केन्द्रों का भरपूर प्रचार-प्रसार किया जाए तो लोग ई-मित्र केन्द्रों ही सीधे पर्चा लेकर आएं और सम्बंधित चिकित्सक हो दिखा सकते हैं। इस बारे में लोगों को भी जागरूक होना होगा।
इनडोर में मरीजों की संख्या कम
सर्दी को स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा मौसम माना जाता है। इसके चलते भले ही आउटडोर में सर्दी, जुकाम, खांसी के मरीज अधिक आ रहे हों, लेकिन इनडोर में भर्ती मरीजों की संख्या कम ही दिखाई देती है। इसके पीछे सर्दी के मौसम को सेहत की दृष्टि उचित माना जाता है।
विगत तीन की स्थिति
वार आउटडोर
सोमवार 1005
रविवार 422
शनिवार 800
इस समय राजकीय चिकित्सालय में आउटडोर 1700-1800 के करीब रहता है। इसमें से 30 से 35 प्रतिशत मरीज ई-मित्र केन्द्रों पर रोगी पर्चा बनवा रहे हैं। काउण्टर पर मरीज संतुष्ट हैं। किसी प्रकार की समस्या नहीं आने दी जाएगी।
डॉ. समरवीर सिंह, पीएमओ, राजकीय सामान्य चिकित्सालय, धौलपुर।
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