गौरतलब है कि विद्यालय में भवन की कमी के कारण पोषाहार बच्चों के कमरे में बनाया जा रहा था। प्रमुख बात तो यह है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों की ओर से लगातार पोषाहार का निरीक्षण होने के बाद भी इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया। पूर्व में भी करीब 6 माह पहले गैस सिलेंडर की नली में आग लगने से घटना हो चुकी थी। उसके बाद भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कोई सबक नहीं लिया। पत्रिका में खबर प्रकाशित होने के बाद उपखंड अधिकारी कैलाश गुर्जर एवं ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी केदारगिरी विद्यालय पहुंचे और विद्यालय में पोषाहार पकाने की व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
दूसरी ओर उपखंड अधिकारी ने जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक शाहिद मोहम्मद खान से भी बातचीत की। ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि विद्यालय में रसोई घर बनाए जाने का प्रस्ताव बनाकर पूर्व में भी भेजा गया था। अब फिर से भेजने की कार्रवाई की जा रही है।
इनका कहना है उपखंड अधिकारी कैलाश गुर्जर ने बताया पत्रिका की खबर के आधार पर विद्यालय में पोषाहार पकाने की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। वाकई में खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता। बच्चों के अध्ययन वाले कमरों से गैस सिलेंडर और चूल्हों को निकलवाकर संस्था प्रधान के कार्यालय में रखवा दिया।
बीईईओ केदारगिरी ने बताया कि भवन की कमी है। इस कारण समस्या उत्पन्न हुई है। फिलहाल संस्था प्रधान के कार्यालय में खाना पकाने की व्यवस्था कर दी गई है।