– शिक्षा मंत्री से लेकर उच्चाधिकारियों को नहीं चिंता धौलपुर. नया शैक्षिक सत्र शुरू हो गया है। विद्यालय में प्रवेश के लिए जागरूकता अभियान के बाद बच्चे पढऩे आने लगे। लेकिन इन सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों की कमी सबसे ज्यादा खल रही है। स्कूलों पर गौर करें तो यहां पर विषय अध्यापकों की सर्वाधिक कमी है। इसके अलावा सामान्य शिक्षक भी नहीं है। हालात तो ऐसी है कि स्कूलोंं का निरीक्षण करने के लिए भी अधिकारी विभाग के पास नहीं है। जुलाई माह में रिक्त पदों के आंकड़ों पर गौर करें तो शिक्षा विभाग में दो हजार पद विभिन्न विभागों में खाली चल रहे हैं।
सरकारी स्कूलों की हालत नहीं सुधर रही है। सरकार के पास स्कूल का भवन है लेकिन उसमें पढ़ाने के लिए शिक्षक नहीं है। बच्चे स्कूल में पहुंचे तो उनको गुरुजी की कुर्सी खाली मिलती है। विभाग में कुल 6590 पद स्वीकृत हैं इनमें एक भी ऐसा पद नहीं है। जिसमें कोई पद रिक्त नहीं हो। विभाग में इस समय प्रधानाचार्य से लेकर उप प्रधानाचार्य के पद भी खाली चल रहे है। ऐसे में स्कूल में कामकाज में भी समस्या आती है। स्कूल के मुखिया को भी विभाग नहीं तैनात कर पा रहा है। ऐसे में बच्चों का भविष्य कैसे सभरेंगा ये कैसे पढ़ेंगे ये सोचनीय बात है! स्कूल में शिक्षक अलग-अलग विषय की पढ़ाई करवाते हैं जिसमें हिन्दी, अंग्रेजी, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, गणित के गुरुजी नहीं होने से अधिकांश स्कूलों में इन विषयों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। लेकिन शिक्षा विभाग के मंत्री से लेकर उच्च अधिकारियों का ध्यान नहीं है। जिले में वर्तमान में 1188 स्कूल संचालित हो रहे है। जिसमें उच्च माध्यमिक विद्यालय 347, उच्च प्राथमिक विद्यालय 272, प्राथमिक विद्यालय के 503, मदरसा के 21 और संस्कृत के 32 स्कूल संचालित हो रहे है।