-जगह-जगह लगे टिन शेड, फुटपाथों पर रखे खोखे -अतिक्रमण के कारण शहर के बाजारों में लगता है जाम धौलपुर.हाईकोर्ट की सख्ती के बाद नगर परिषद की अतिक्रमण हटाओ मुहिम दिखावटी साबित होकर रह गई। सख्ती ना दिखाने के कारण शहर के बाजार की सडक़ें और गलियों में फिर अतिक्रमण पैर पसार चुका है। मुहिम के दौरान जिस चूड़ी बाजार से अतिक्रमण हटाया गया वह फिर गुलजार है। जिस कारण मुख्य मार्गों से आवागमन बाधित हो रहा है।
नगर परिषद के ढुलमुल रवैया होने के कारण शहर में अतिक्रमण की समस्या घटने की बजाय बढ़ती ही जा रही है। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद नगर परिषद और प्रशासनिक टीम ने शहर के मुख्य चौराहों और बाजारों से अतिक्रमण हटाने की मुहिम प्रारंभ की थी। यह मुहिम तीन दिनों तक चली, लेकिन उसके बाद मामला शांत हो गया। इस दौरान गुलाब बाग से लेकर जगदीश टॉकीज, पैलेस रोड होते हुए चूड़ी बाजार, गौरव पथ, हरदेव नगर से अतिक्रमण को हटाया गया था। लेकिन चंद घंटों बाद अधिकारियों के मुंह फेरते ही पुन: उन्हीं स्थानों पर अतिक्रमियों ने अतिक्रमण सजा लिए। जिसके बाद नगर परिषद ने कोई सख्ती ना दिखाते हुए अतिक्रमियों के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई। जिसका ही नतीजा रहा कि शहर की सडक़ों पर दुकानदार जमकर अतिक्रमण किए हुए हैं।
चूड़ी बाजार में सजी अस्थायी दुकानें कोर्ट के आदेश के बाद अतिक्रमण हटाने के कार्य को देखकर ऐसा लगा जैसे नगर परिषद शायद शहर से अतिक्रमण की समस्या को खत्म कर दे। लेकिन नागरिकों की मन की यह बात उनके मन में ही रह गई। गुलाब बाग चौराहे से जगदीश चौराहे तक हटाया गया अतिक्रमण फिर सज गया है। दुकानों के आगे दुकानदारों ने फिर टीन शेट लगा लिए हैं। और दुकानों का सामान बाजार सडक़ तक सजा रखे हैं, तो फुटपाथ पर फिर खोखे रख लिए गए हैं। गांधी पार्क के पीछे चूड़ी बाजार में पीला पंजा जमकर गरजा था। और अस्थायी दुकानों सहित अतिक्रमण को तोड़ा गया था, लेकिन कुछ घंटों बाद ही चूड़ी बाजार में अस्थायी दुकानें फिर खुल चुकी हैं। सडक़ों का जमकर दोहन किया जा रहा है।
संतर और लाल बाजार में सडक़ों तक सजा समान अतिक्रमण शहर के लिए नासूर बना हुआ है। लेकिन जिम्मेदार इस ओर आंखें बंद किए बैठे हैं। जिस कारण शहर के बाजारों से निकला दूभर हो रहा है। संतर बाजार से लेकर लाल बाजार, मोदी चौराहा, हलवाई खाना, पुराना डाकघर से लेकर जगन चौराहा, हरदेव नगर के मुख्य रास्ते पहले से ही संकरे थे। ऊपर से अतिक्रमण के कारण यह और सिमट चुके हैं। जिस कारण वाहनों का आसानी से निकला तो दूर राहगीरों को भी आवागाम में परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। सबसे ज्यादा दयनीय हालत संतर बाजार और लाल बाजार की है। जहां दुकानदारों ने फिर सडक़ों पर अपना सामान सजा लिया है। जिस कारण आए दिन बाजारों में जाम लग जाता है। और लोग प्रशासन को कोसते नजर आते हैं।
नगर परिषद की उदासीनता की सबसे बड़ी बानगी यह रही कि अतिक्रमण हटाओ मुहिम के दौरान चली कार्रवाई मेें उन्होंने लाल बाजार सहित अन्य जगह से तो अतिक्रमण हटाया लेकिन बाजार स्थित सब्जी मण्डी से तोप तिराहा और संतर बाजार होते हुए रोडवेज बस स्टेण्ड तक कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। जिस कारण वहां अतिक्रमण यथावत बना हुआ है।
सडक़ों पर ही किए जाते हैं वाहन पार्क बाजारों की सडक़ों पर जहां दुकानदार अपना सामान रखकर अतिक्रमण किए बैठे हैं। वहीं उनके वाहन भी सडक़ पर ही खड़े होते हैं। ऊपर से उनके यहां आने वाले ग्राहक भी दुकान के सामने सडक़ पर ही वाहन पार्क कर देते हैं। जिस कारण रास्तों से निकला दूभर हो रहा है। और आए दिन बाजारों में जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है।