-ओपन से सर्वाधिक नंबरों से बाहरवीं परीक्षा की पास धौलपुर.किसी भी समाज की प्रगति को महिलाओं की शिक्षा से आँकी जाती है। सरकार के प्रयासों ओर बालिका शिक्षा से जुड़ी योजनाओं के धरातल पर उतरने से यें हालात अब सुधर रहे हैं। पर उच्च शिक्षा के लिए ग्रामीण परिवेश में लड़कियों का संघर्ष अभी जारी है। शादी के बाद ससुराल का दबाव उनके पढऩे-लिखने के सपनों को कुचल देता है। लेकिन कुछ महिलाएं शादी के कई साल बाद भी अपने साक्षर बनने के सपनों को पंख दिए हैं। आज वह अपने बच्चों के साथ-साथ खुद भी दसवीं और बाहरवीं की परीक्षाओं को पास कर अशिक्षित महिलाओं मे शिक्षित होने की भावना उत्पन्न कर रही हैं। इन्ही महिलाओं मे एक हैं रीना। जिसने ऑपन स्कूल के माध्यम से अपनी शिक्षा को बढ़ाने का प्रयास जारी रखा पहले 10 वीं और अब 12 वीं की परीक्षा पास की है। पूरे जिले मे ऑपन स्कूल की 12 वीं परीक्षा मे सर्वाधिक नंबर लाकर पास की है। रीना सैपऊ खंड की कैथरी ग्राम पंचायत के सेमरा गांव की रहने वाली हंै ग्राम संगठन की अध्यक्ष है और गांव मे एक छोटी दुकान चलाती हैं।
मंजरी ने दिखाई नई राह समूह से जुड़ी सेमरा की रहने वाली रीना बताती हैं कि 17 साल की आयु में शादी होने के बाद ससुरालीजनों ने आगे पढ़ाने से मना कर दिया था। जिसके कारण पढ़ाई बीच में ही छोडऩी पड़ी। इसके बाद समूह से जुड़ी और मंजरी फाउंडेशन के सहयोग से पहले 10वीं की परीक्षा पास की और अब 2024 में 12वीं की परीक्षा पास की हैं। मंजरी फाउंडेशन ने राज्य ऑपन स्कूल के फॉर्म भरने, परीक्षा की तैयारी कराने से लेकर हर संभव मदद की है।
महिलाओं को मिलें पढऩे के अवसर सहेली समिति की अध्यक्ष हरप्यारी ने बताया कि महिलाओं को पढऩे के सभी अवसर दिए जाने चाहिए। एक शिक्षित महिला से समाज शिक्षित ओर विकसित हो जाता हैए हम हमारी फेडरेशन की सभी महिलाओं को कम से कम 12 वीं तक की शिक्षा को सुनश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं। सहेली समिति के प्रबंधक पंकज सिंह ने बताया कि जिला क्लक्टर के नवाचारो की कड़ी मे मंजरी फाउंडेशन ने राजस्थान के 8 जिलों से 2545 महिलाओं को शादी के बाद उच्च शिक्षा दिलवाने में अहम भूमिका निभाई ह। 1239 महिलाओं को दूसरा मौका कार्यक्रम के माध्यम से उच्च शिक्षा से जोड़ा गया है और धौलपुर में 439 महिलाओं को संस्था के प्रयासों से 10वीं व 12वीं तक शिक्षित करने में उन्हें मदद की है।