एक घंटे के अन्तराल में नाले से गूंज रही दहाड़, एक्सपर्ट ट्रेकर कर रहे निगरानी dholpur, सरमथुरा.करौली धौलपुर वन्यजीव अभ्यारण्य में बाघ की तबीयत नासाज होने के बाद रणथंभौर वन्यजीव अभ्यारण्य की टीम को दूसरे दिन भी कामयाबी हासिल नहीं हुई। बाघ की नाले में ही होने की पुष्टि जरूर हो रही हैं लेकिन नाले से बाहर नहीं निकल रहा। एक-एक घंटे के अन्तराल बाद नाले से बाघ की दहाड़ सुनाई दे रही है।
48 घंटे बाद भी बाघ की लोकेशन एक ही नाले की बनी हुई है। हालांकि रणथंभौर की एक्सपर्ट टीम बाघ को नाले से बाहर निकालने जोर आजमाइश कर रही है। लेकिन दो दिन बीतने के बाद भी कामयाबी हासिल नहीं हुई। वनविभाग ने बाघ को ट्रेस करने के लिए जंगल में अतिरिक्त कैमरे भी लगाए हैं। मंगलवार को रणथंभौर की एक्सपर्ट टीम के साथ चिकित्सकों की टीम रेस्क्यू वाहन के साथ दिनभर अभ्यारण्य में जमी रही। एक्सपर्ट टीम ने बाघ को नाले से बाहर निकालने के लिए पड्ढा को भी बांधा गया। एक्सपर्ट टीम को नाले से बाघ की दहाड़ ही सुनाई देती रही, लेकिन बाघ नहीं निकला। अंधेरा होने के कारण आखिर में ऑपरेशन बंद कर दिया गया। वन अधिकारियों ने अभ्यारण्य में बाघ की निगरानी में ट्रेकरों को तैनात कर दिया है।
वनविभाग के अधिकारियों को अभ्यारण्य में बाघ की तबीयत नासाज होने की इत्तला मिली थी। इत्तला मिलते ही वनविभाग के अधिकारियों की धडक़ने बढ़ गईं। आनन-फानन में रणथंभौर अभ्यारण्य से एक्सपर्ट व चिकित्सकों की टीम बुलाई गई। वनविभाग की टीम ने एक्सपर्ट टीम के साथ अभ्यारण्य में बाघ की तलाश की गई। अभ्यारण्य में बाघ की दहाड़ गूंजने से टीम ने बाघ का सुराग तो लगा लिया, लेकिन अंधेरा होने के कारण ट्रेंकुलाइज नहीं किया जा सका। बाघ चलने फिरने में असमर्थ था। हालांकि वनविभाग ने किसी प्रकार की जानकारी साझा नहीं की है। वनविभाग दो दिन उपवन संरक्षक सामाजिक वानिकी वी चेतन कुमार के निर्देशन में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। हालांकि मंगलवार दोपहर तक कामयाबी नहीं मिलने के बाद रेस्क्यू वाहन लौट गया।
दो टाइगर व तीन शावकों का अभ्यारण्य में विचरण करौली धौलपुर वन्यजीव अभ्यारण्य में टाइगर टी-16, टाइग्रेस टी-17 सहित तीन शावक विचरण कर रहे हैं। जो खुशहालपुर की खोह से लेकर अमानपुरा के जंगल तक देखे जाते हैं। हालांकि कैलादेवी अभ्यारण्य से कभी-कभी टाइगर 2303 भी विचरण करने आ जाता है। लेकिन उसने यहां परमानेंट ठिकाना नहीं बनाया है। चरवाहों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि कई बार इस बाघ को इसी नाले में देखा गया है। वनविभाग जंगल में कैमरे लगाकर बाघों की नियमित मॉनिटरिंग का रहा है। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से अभ्यारण्य क्षेत्र में अवैध खनन पर पाबंदी लगाई गई है।