धौलपुर की भौगोलिक परिस्थितियों प्रदेश में सबसे अच्छी है, एक तरफ मध्य प्रदेश की सीमा है और दूसरी ओर उत्तर प्रदेश की। क्षेत्र में बिजली पानी की कोई भी समस्या नहीं है, ऐसे मेें यहां कारखाने खोले जाएं तो क्षेत्र में बेराजगारी की समस्या का समाधान हो जाएंगा।
दयाकांत सक्सेना-
जिले में सरकारी की स्थिति अच्छी नहीं है। क्षेत्र में टेक्निकल एजुकेशन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। क्षेत्र के विकास के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
गणेश धाकरे,
स्थानीय धार्मिक स्थलों को देखते हुए क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र के रूप मे विकसित किया जा सकता है। पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किए जाने से क्षेत्र में रोजगार के साधन भी स्थानीय लोगोंं को उपलब्ध हो सकेंगे।
कृष्णदास महंत,
क्षेत्र में रेता की समस्या सबसे बड़ी है। रेता नहीं होने के मकानों का निर्माण कार्य अधूरे अटके हुए है। ऐसे में सरकार को कोई आसान रास्ता निकालना चाहिए, जिससे मकान निर्माण को लेकर आमजन को परेशानी नहीं उठानी पड़े।
चन्द्रकांत सक्सेना,
क्षेत्र में वर्ष 1980 में ड्रेनेज सिस्टम था, वह अतिक्रमण का शिकार हो गया। ऐसे में करोड़ों रूपयों की राशि खर्च करके सीवर सिस्टम शहर में डाला गया है, जिसकी व्यवस्था सही नहीं होने के कारण दर्जनों कॉलोनियों में जलभराव की समस्या है। सीवर सिस्टम की व्यवस्थाएं दुरुस्त होनी चाहिए।
महावीर प्रसाद कुलश्रेष्ठ,
क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या रोजगार की है। ऐसे में क्षेत्रीय बड़े वर्ग की ओर से जो कारखाने लगाए जा रहे है वह अन्य प्रदेशों में लगाए जा रहे है, बेराजगारी की समस्या जस की तस बनी हुई है। क्षेत्रीय युवाओं को रोजगार के संसाधन उपलब्ध हो इसके लिए कारखाने विकसित किए जाएं।
रामबिहारी श्रीवास्तव,
शहरी क्षेत्र की आरईसीएल फैक्ट्री को अगर बड़े स्तर पर शुरू किया जाएं तो क्षेत्रीय करीब पांच हजार युवाओं को रोजगार मिलेंगा। इसके अलावा क्षेत्र में रोजगार के मद्देनजर क्षेत्र के कारखाने खोले जाने चाहिए। क्षेत्रीय युवा रोजगार की तलाश में पलायन करने को मजबूर है।
गौरव शर्मा,
धौलपुर जिला व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, एक ओर मध्य प्रदेश व दूसरी ओर उत्तर प्रदेश की सीमाएं यहंा लगती है। ऐसे में यहां व्यापारिक दृष्टिकोण से रोजगार की संभावनाएं प्रबल है। जिले में संभावनाओं पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
सूरजमल,
क्षेत्र के विद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त चल रहे है और ऐसे में क्षेत्र बीएड धारक बेरोजगार घूम रहे है। क्षेत्र के बीएड धारियों को शिक्षण से जोडऩे के मद्देनजर प्रयास किए जाने चाहिए।
कृष्णकांत अग्रवाल,
शहर में जो ओवरब्रिज बनाया गया है वह गलत तरीके से बना दिया है, ऐसे में पूरा शहर गलत दिशा में चलने को मजबूर है। ऐसे में दुर्घटना होने की संभावना बनी हुई है। इस ओर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
मुकेश सक्सेना,
दयाकांत सक्सेना-
जिले में सरकारी की स्थिति अच्छी नहीं है। क्षेत्र में टेक्निकल एजुकेशन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। क्षेत्र के विकास के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
गणेश धाकरे,
स्थानीय धार्मिक स्थलों को देखते हुए क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र के रूप मे विकसित किया जा सकता है। पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किए जाने से क्षेत्र में रोजगार के साधन भी स्थानीय लोगोंं को उपलब्ध हो सकेंगे।
कृष्णदास महंत,
क्षेत्र में रेता की समस्या सबसे बड़ी है। रेता नहीं होने के मकानों का निर्माण कार्य अधूरे अटके हुए है। ऐसे में सरकार को कोई आसान रास्ता निकालना चाहिए, जिससे मकान निर्माण को लेकर आमजन को परेशानी नहीं उठानी पड़े।
चन्द्रकांत सक्सेना,
क्षेत्र में वर्ष 1980 में ड्रेनेज सिस्टम था, वह अतिक्रमण का शिकार हो गया। ऐसे में करोड़ों रूपयों की राशि खर्च करके सीवर सिस्टम शहर में डाला गया है, जिसकी व्यवस्था सही नहीं होने के कारण दर्जनों कॉलोनियों में जलभराव की समस्या है। सीवर सिस्टम की व्यवस्थाएं दुरुस्त होनी चाहिए।
महावीर प्रसाद कुलश्रेष्ठ,
क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या रोजगार की है। ऐसे में क्षेत्रीय बड़े वर्ग की ओर से जो कारखाने लगाए जा रहे है वह अन्य प्रदेशों में लगाए जा रहे है, बेराजगारी की समस्या जस की तस बनी हुई है। क्षेत्रीय युवाओं को रोजगार के संसाधन उपलब्ध हो इसके लिए कारखाने विकसित किए जाएं।
रामबिहारी श्रीवास्तव,
शहरी क्षेत्र की आरईसीएल फैक्ट्री को अगर बड़े स्तर पर शुरू किया जाएं तो क्षेत्रीय करीब पांच हजार युवाओं को रोजगार मिलेंगा। इसके अलावा क्षेत्र में रोजगार के मद्देनजर क्षेत्र के कारखाने खोले जाने चाहिए। क्षेत्रीय युवा रोजगार की तलाश में पलायन करने को मजबूर है।
गौरव शर्मा,
धौलपुर जिला व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, एक ओर मध्य प्रदेश व दूसरी ओर उत्तर प्रदेश की सीमाएं यहंा लगती है। ऐसे में यहां व्यापारिक दृष्टिकोण से रोजगार की संभावनाएं प्रबल है। जिले में संभावनाओं पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
सूरजमल,
क्षेत्र के विद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त चल रहे है और ऐसे में क्षेत्र बीएड धारक बेरोजगार घूम रहे है। क्षेत्र के बीएड धारियों को शिक्षण से जोडऩे के मद्देनजर प्रयास किए जाने चाहिए।
कृष्णकांत अग्रवाल,
शहर में जो ओवरब्रिज बनाया गया है वह गलत तरीके से बना दिया है, ऐसे में पूरा शहर गलत दिशा में चलने को मजबूर है। ऐसे में दुर्घटना होने की संभावना बनी हुई है। इस ओर ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
मुकेश सक्सेना,