तीन आरोपियों को 10 वर्ष के साधारण कारावास की सजा धौलपुर. धौलपुर सदर थाना क्षेत्र में साल 2017 में बाड़ी रोड स्थित शराब के ठेके पर सेल्समैन से मारपीट करने और ठेके में आग लगाने के मामले में एडीजी कोर्ट ने निर्णय सुनाया है। एडीजी कोर्ट ने मामले में चार आरोपियों में से तीन को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष के साधारण कारावास से दंडित किया है। साथ ही 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। मामले में शामिल चौथे आरोपी की पूर्व में ही मौत हो चुकी है।
अपर लोक अभियोजक केके शर्मा ने बताया कि ग्वालियर मध्यप्रदेश के रहने वाले एक परिवादी ने वर्ष 2017 में धौलपुर शहर के सदर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें बताया था कि चार आरोपी सतीश पुत्र रूप सिंह निवासी जवाहर कॉलोनी, दिलीप पुत्र बेनीराम निवासी सरेखी, फूल सिंह पुत्र सांवलिया निवासी मौरोली का पुरा और सुशील पुत्र फूल सिंह निवासी मौरोली का पुरा धौलपुर ने बाड़ी रोड स्थित शराब के ठेके पर पहुंचकर फ्री में शराब मांगने को लेकर झगड़ा किया था।
इसके साथ ही उन्होंने झगड़े के बाद सेल्समेन राजवीर की मारपीट कर ठेके के सामने लगे छप्पर में आग लगा दी थी। उसी मामले पर सुनवाई करते हुए एडीजे कोर्ट की न्यायाधीश सावित्री निर्भीक आनंद ने आरोपी दिलीप, फूल सिंह और सुशील को 10 वर्ष के साधारण कारावास से दंडित किया है। साथ उन्हें 10 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है। अपर लोक अभियोजक ने बताया कि वर्ष 2020 में चौथे आरोपी सतीश की मृत्यु हो चुकी है। जिसके चलते उसके मामले को ड्रॉप कर दिया गया था। उसी मामले में शेष तीन आरोपियों को दोषी करार दिया गया है।
अपर लोक अभियोजक केके शर्मा ने बताया कि ग्वालियर मध्यप्रदेश के रहने वाले एक परिवादी ने वर्ष 2017 में धौलपुर शहर के सदर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें बताया था कि चार आरोपी सतीश पुत्र रूप सिंह निवासी जवाहर कॉलोनी, दिलीप पुत्र बेनीराम निवासी सरेखी, फूल सिंह पुत्र सांवलिया निवासी मौरोली का पुरा और सुशील पुत्र फूल सिंह निवासी मौरोली का पुरा धौलपुर ने बाड़ी रोड स्थित शराब के ठेके पर पहुंचकर फ्री में शराब मांगने को लेकर झगड़ा किया था।
इसके साथ ही उन्होंने झगड़े के बाद सेल्समेन राजवीर की मारपीट कर ठेके के सामने लगे छप्पर में आग लगा दी थी। उसी मामले पर सुनवाई करते हुए एडीजे कोर्ट की न्यायाधीश सावित्री निर्भीक आनंद ने आरोपी दिलीप, फूल सिंह और सुशील को 10 वर्ष के साधारण कारावास से दंडित किया है। साथ उन्हें 10 हजार रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है। अपर लोक अभियोजक ने बताया कि वर्ष 2020 में चौथे आरोपी सतीश की मृत्यु हो चुकी है। जिसके चलते उसके मामले को ड्रॉप कर दिया गया था। उसी मामले में शेष तीन आरोपियों को दोषी करार दिया गया है।