– पन्नाधाय बाल गोपाल दूध योजना बंद होने की कगार पर धौलपुर. मोटा अनाया या दूध…इसी उलझन के भंवर में फंसी सरकार के कारण अभी तक जिले के 1170 सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा 1 से 8वीं तक के 1.76 लाख बच्चे पोषण आहार से दूर हैं। न तो उन्हें अभी तक दूध दिया जा रहा और न ही मोटे अनाज का वितरण किया गया। शिक्षामंत्री के बयान के बाद से ही दूध का वितरण स्कूलों में बंद है।
कांग्रेस सरकार के समय 2022 में शुरू की गई मुख्यमंत्री बाल गोपाल दूध योजना के तहत स्कूलों में कक्षा 1 से 5वीं और 6 से 8वीं तक के बच्चों को दूध पाउडर दिया जाता था। लेकिन प्रदेश में नई सरकार गठन होने के बाद बाल गोपाल दूध योजना का नाम बदल कर पन्नाधाय बाल गोपाल दूध योजना कर दिया गया। जिसके कुछ दिन बाद ही योजना का संचालन भी बंद कर दिया गया। जिस कारण पिछले 7 माह से बच्चे पोषण आहार से दूर हैं।
पौष्टिक अनाज देने का विचार भी अधर में प्रदेश में नई बनी सरकार ने बाल गोपाल योजना दूध की समीक्षा करते हुए पहले बच्चों को पोष्टिक अनाज देने को लेकर मानस बनाया। लेकिन कई महीने तक इसे नहीं दिया। इसके बाद सरकार ने पहले की तरह दूध पाउडर देने का निर्णय किया थौ। लेकिन जुलाई माह से शुरू हुए शैक्षणिक सत्र के बाद अब तक न ही सरकार ने दूध उपलब्ध कराया है और न ही मोटा अनाज। जिसका खामियाजा नौनिहाल भुगत रहे हैं।
क्या कहा था शिक्षामंत्री दिलावर ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा था कि बाल गोपाल दूध योजना को बंद करने के कई कारण हैं। कई बच्चे दूध पीने से परेशान हैं। वे पाउडर का दूध नहीं पीना चाहते। हम एक्सपर्ट के साथ बैठकर हल ढूढ़ेंगे कि क्या अच्छा हो सकता है, जिससे बच्चों का स्वास्थ्य सही रहे और खा भी लें। दिलावर ने कहा कि गारंटी यह भी नहीं है गाय का दूध मिले। हम देख रहे हैं मोटे अनाज को कैसे दिया सकता है। स्कूली बच्चों को कुपोषित नहीं देख सकते। पीने की जगह खाने का भी आ सकता है और खाने की जगह पीने का भी आ सकता है।
जिले के आंकड़े इस तरह1170 जिले के सरकारी स्कूलों में होना है वितरण1.76 बच्चों को पिलाया जाना है गरमागरम दूध150 मिलीलीटर पांचवीं तक वाले विद्यार्थियों को मिलता दूध200 मिलीलीटर 6 से 8 तक के विद्यार्थियों को दिया जाता है दूध