समिति सदस्य गिरीश गुर्जर ने बताया कि छत्तीसगढ़ की रहने वाली एक नाबालिग अपने प्रेमी के बुलाने पर घरवालों को सोता हुआ छोड़ कर घर से निकल आई। इस दौरान प्रेमी ने फोन पर उससे पूछा कि तुम्हारे पास किराए-भाड़े और कुछ दिन खाने की व्यवस्था के लिए पैसे हैं तब नाबालिग ने उसे बताया कि वह घर से पैसे लेकर नहीं आई है। इतना सुनते ही प्रेमी ने उसका फोन काट दिया। लोकलाज के भय से नाबालिग घर वापस नहीं जा सकी। इसलिए वह घर से आगरा के लिए ट्रेन में बैठ कर निकल आई। रास्ते में धौलपुर स्टेशन पर वह रोते हुए उतरी। उसे रोता देख कर रेलवे चाइल्ड लाइन से सरनाम उसके पास पहुंचे। उन्होंने नाबालिग को समझाया और अपने साथ ले आए। चाइल्डलाइन टीम ने नाबालिग को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया। गुर्जर ने बताया कि प्रथम दृष्टया प्रेम संबंध का मामला सामने आया है। बाल कल्याण समिति सदस्य नरगिस शरीफी ने काउंसलिंग कर नाबालिग से हालात के बारे में विस्तार से जानकारी जुटाई गई है। उसके परिवार से फोन के माध्यम से संपर्क किया गचया है। फिलहाल नाबालिग को सखी सेंटर धौलपुर में भेजा गया है। गुर्जर ने बताया कि बालिका के परिवार द्वारा उसके गृह जिले में धारा 363 आईपीसी का मुकदमा दर्ज कराया गया है। उसके माता-पिता बालिका को लेने जब आएंगे तब नाबालिग के सर्वोच्च हित को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाएगा।