दरअसल, धौलपुर के बाड़ी डिस्कॉम कार्यालय पर सहायक अभियंता हर्षाधिपति के साथ के मारपीट करने के आरोपी पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने आज बुधवार को एससी-एसटी कोर्ट में सरेंडर किया है।
अगली सुनवाई 13 दिसंबर को होगी
बताते चलें कि इस मामले की अगली सुनवाई 13 दिसंबर को होगी। इससे पहले, 8 नवंबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने धौलपुर के बाड़ी से पूर्व विधायक और BJP नेता गिर्राज सिंह मलिंगा को दो हफ्ते में सरेंडर करने का आदेश दिया था। मालूम हो कि गिर्राज सिंह मलिंगा को
राजस्थान हाईकोर्ट ने जमानत थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था।
क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि जेवीवीएनएल के AEN हर्षाधिपति वाल्मीकि की ओर से मार्च, 2022 में धौलपुर के बाड़ी थाने में पूर्व विधायक और BJP नेता गिर्राज सिंह मलिंगा और उसके साथियों पर मारपीट करने सहित SC-ST एक्ट के तहत मामला दर्ज करवाया था। मामला तूल पकड़ने के बाद पूर्व विधायक गिर्राज मलिंगा ने मई 2022 में जयपुर कमिश्नरेट में आत्मसमर्पण कर दिया था, लेकिन 17 मई 2022 को उन्हें हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। इसके बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने 5 जुलाई 2024 को उनकी जमानत याचिका रद्द कर दी और उन्हें 30 दिनों के भीतर आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए थे। वे सुप्रीम कोर्ट से राहत पाने की उम्मीद में थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें बड़ा झटका मिला है।
मलिंगा की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा जिसमें उनकी जमानत खारिज कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि पहले सरेंडर हों, उसके बाद ही इस केस में आगे की सुनवाई करेंगे।
2023 में BJP के टिकट पर लड़ा चुनाव
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस पार्टी ने 2023 के विधानसभा चुनावों में सहायक अभियंता हर्षाधिपति वाल्मीकि के साथ पिटाई करने के कारण गिर्राज मलिंगा का टिकट काट दिया था। इसके बाद गिर्राज सिंह मलिंगा ने भारतीय जनता पार्टी ज्वॉइन की और बीजेपी की टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।