धौलपुर

मेला देखने जाएं तो रहें सावधान….वाटर वक्र्स चौराहा न डाल दे व्यवधान

नेशनल हाइवे 44 स्थित वाटर वक्र्स चौराहा मेला सैलानियों की परेशानियों का सबब बना हुआ है। क्योंकि मेला का दीदार करने से पहले सैलानियों को चौराहा को पार करना होता है। जो कि शहर का सबसे डेंजर एक्सीडेंटल प्वाइंट भी है, जहां प्रतिदिन हादसे होते हैं। लेकिन अभी तक प्रशासन ने यहां सैलानियों की सुरक्षा के लिहाज से कोई पुख्ता इंतेजामात नहीं किए हैं।

धौलपुरNov 20, 2024 / 06:20 pm

Naresh

-शरद मेला प्रांगण तक पहुंचने सैलानियों को पार करना पड़ता है रफ्तार का हाइवे
-मेला प्रारंभ होने के बाद भी चौराहा पर नहीं कोई पुख्ता व्यवस्था

-हाइवे पर फर्राटा मारते वाहनों से बना रहता है अनहोनी का डर

धौलपुर. नेशनल हाइवे 44 स्थित वाटर वक्र्स चौराहा मेला सैलानियों की परेशानियों का सबब बना हुआ है। क्योंकि मेला का दीदार करने से पहले सैलानियों को चौराहा को पार करना होता है। जो कि शहर का सबसे डेंजर एक्सीडेंटल प्वाइंट भी है, जहां प्रतिदिन हादसे होते हैं। लेकिन अभी तक प्रशासन ने यहां सैलानियों की सुरक्षा के लिहाज से कोई पुख्ता इंतेजामात नहीं किए हैं। जिस कारण सैलानियों के साथ कभी भी चौराहा पार करते अनहोनी घटना घटित हो सकती है।
शरद महोत्सव मेला का आगाज हो चुका है। सैलानियों की भी संख्या धीरे-धीरे बढऩे लगी है। सैलानियों को आ रही परेशानियों के साथ मेला रोड का भी पेचवर्क होने लगा है। लेकिन पास से गुजर रहे नेशनल हाइवे 44 स्थित वाटर वक्र्स चौराहे पर यातायात पर लगाम लगाने को लेकर अभी तक कोई पुख्ता इंतजामात नहीं किए गए हैं। ना तो अभी हाइवे पर बैरिकेडिंग की गई है और ना ही कोई यातायातकर्मी वहां तैनात किया गया है। और सबसे बड़ी बात महीनों से खराब पड़े ट्रेफिक सिग्नलों को सुद्ढ़ नहीं कराया गया है। जिससे सैलानियों को चौराहा पार करने में फर्राटा भरते भारी वाहनों से खतरा बना रहता है।
तो हा सकता है बड़ा हादसा…

नेशनल हाइवे स्थित वाटर वक्र्स चौराहा सबसे व्यस्ततम चौराहा होने के साथ सबसे डेंजर प्वाइंट भी हैं। यहां लगभग प्रतिदिन हादसे होते हैं। रविवार को तो एक-दो नहीं तीन एक्सीडेंट के मामले सामने आए थे। मंगलवार को तो एक्सीडेंट के कारण बड़ा बवाल भी हो गया। जिसमें दो पक्ष आमने-सामने आ गए। और लाठियों के साथ जमकर लात-घूंसे चले। हाइवे से गुजरने वाले भारी वाहन फर्राटा मारते हुए निकल जाते हैं। अगर ऐसे मेें मेला सैलानियों ने थोड़ी सी भी लापरवाही की तो हादसे की संभावना बढ़ सकती है। ऐसे में जिम्मेदारों को जल्द ही इस ओर ध्यान देना चाहिए।
महीनों से मूक खड़े हैं ट्रेफिक सिग्नल

वाटर वक्र्स चौराहा पर यातायात व्यवस्था को संवारने के लिए नेशनल हाइवे अथॉरिटी ने ट्रेफिक सिग्नल लगवाए गए थे। जिसकी देखरेख की जिम्मेदारी नगर परिषद को दे रखी है। लेकिन नगर परिषद के देखरेख न करने से ट्रेफिक सिग्नल आज मूक खड़े हैं। ट्रेफिक सिग्नलों को लेकर दोनों विभाग आमने-सामने भी आ चुके हैं, जिसके बाद कलक्टर ने दोनों विभागों को सामंजस्य बनाकर सिग्नलों को सही कराने को कहा था। लेकिन अभी तक ट्रेफिक सिग्नलों को सही नहीं कराया गया है। जिस कारण चौराहे पर आए दिन हादसे हो रहे हैं। मेला प्रारंभ होने के बाद से हादसों की प्रबल संभावना और बढ़ गई है।
यह हो सकते हैं इंतेजामात

हाइवे के दोनों तरफ बैरिकेड्स लगाकर वाहनों की रफ्तार को धीमा किया जा सकता है।

ट्रेफिक सिग्नलों को सुद्ढ़ कराकर यातायात व्यवस्था पुख्ता की जा सकती है।
चौराहे पर यातायात कर्मी की तैनाती कर हादसों को रोका जा सकता है।

– शरद मेला के दौरान वाटर वक्र्स चौराहे पर किसी भी अनहोनी से बचने के लिए जल्द ही ट्रेफिक कर्मियों की तैनाती की जाएगी।
– बीटी श्रीनिधि, जिला कलक्टर

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