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धौलपुर

मासूम बच्चा…डकैतों ने पिता को गोली मारी, उसका अपहरण किया… उसने वकील बनकर डकैतों को करा दी उम्रकैद की सजा,17 साल लगे

Harsh Garg Story: उसका अपहरण धौलपुर के सैंपऊ और बसेड़ी क्षेत्र में आतंक का पर्याय बन चुके चंबल के डकैतों ने किया था। मामला 2007 का है और इस केस में अब फैसला आया है।

धौलपुरSep 24, 2024 / 11:36 am

JAYANT SHARMA

unique success story: साउथ की फिल्मों जैसी लगने वाली यह स्टोरी रील नहीं रियल है। छह साल की उम्र में जिस बच्चे का अपहरण हुआ, वह बड़ा होकर वकील बना। उसने अपहरण करने वाले डकैतों के खिलाफ इतनी सख्त पैरवी कि की उन डकैतों को उम्रकैद की सजा हुई। उसने वकालात पढ़ना शुरू किया और वकील बनने के साथ ही अपना केस लड़ रहे वकीलों के साथ अपने ही केस की पैरवी करने लगा। उसका अपहरण धौलपुर के सैंपऊ और बसेड़ी क्षेत्र में आतंक का पर्याय बन चुके चंबल के डकैतों ने किया था। मामला 2007 का है और इस केस में अब फैसला आया है।
दरअसल फरवरी 2007 को धौलपुर के नजदीक मथुरा में खेरागढ़ इलाके में वकील रवि गर्ग अपने भाई और अपने छह साल के बेटे के साथ घर के नजदीक ही एक दुकान पर बैठे थे। इसी दौरान चंबल के दस्युं डकैत गुड्डन और राजकुमार अपने साथियों के साथ वहां आ गए। वे जीप में थे और तड़ातड़ फायरिंग किए जा रहे थे। वहां भगदड़ मच गई। डकैतों ने बच्चे के अपहरण का प्लान पहले ही बना लिया था।
छह साल का हर्ष उनका टारगेट था। हर्ष को उसके पिता रवि की गोद से छीनने की डकैतों ने कोशिश की और इस कोशिश में बीच में आ रहे हर्ष के पिता रवि को डकैतों ने गोली मार दी। गोली पैर में लगी और उसके बाद डकैत हर्ष को लेकर फरार हो गए। करीब बीस दिन डकैतों के चंगुल में रहने के बाद मथुरा पुलिस ने डकैतों को काबू किया और हर्ष को सुरक्षित छुड़ा लिया।
लेकिन हर्ष के पिता रवि काफी दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे। पिता की हालत देखकर बेटे ने डकैतों को सबक सिखाने की ठान ली। उसने बारहवीं के साथ ही वकालात की पढ़ाई भी शुरू कर दी। वकील बनने के साथ ही वह केस लड़ रहे वकीलों के साथ कोर्ट जाने लगा और फिर खुद के केस में उसने पैरवी शुरू कर दी। हाल ही में इस मामले में फैसला आया है। कोर्ट ने दोनो डकैतों और उनके साथियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

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