मनीष उपाध्याय dholpur, राजाखेड़ा. एक ओर सरकारें विज्ञान विषय में विद्यार्थियों की जागरूकता बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास का दावा कर रही है। वहीं जमीनी हालात बिलकुल इसके इतर हैं। और दिन प्रतिदिन विद्यालयों का दर्जा बढ़ाकर वाहवाही लूटने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन शैक्षणिक स्तर का उन्नयन नहीं हो पा रहा है। ऐसे में गरीब विद्यार्थियों का सरकारी विद्यालयों से मजबूरन मोह भंग होता जा रहा है और उच्च अध्ययन के लिये कर्ज लेकर निजी विद्यालयों में पढऩा मजबूरी हो चुका है।
गोरतलब है कि राजाखेड़ा शिक्षा ब्लॉक में कुल 54 राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं और 32 पीईईओ (प्राथमिक शिक्षा अधिकारी) हैं। लेकिन विज्ञान संकाय के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण गणित विषय के लिए प्राध्यापकों का कोई भी पद किसी भी विद्यालय में सृजित ही नहीं किया गया है। अध्यापकों और छात्रों का मानना है कि इस समस्या से न केवल राजाखेड़ा बल्कि समूचे क्षेत्र के विद्यार्थियों को राजकीय विद्यालयों का लाभ नहीं मिल रहा जिससे उनका शैक्षणिक भविष्य अंधकारमय होता दिख रहा है।
बड़ी संख्या में विद्यार्थी जा रहे बाहर इस बड़ी समस्या के कारण क्षेत्र से गणित व विज्ञान में करियर बनाने के इच्छुक विद्यार्थी जयपुर, आगरा, धौलपुर, सीकर जैसे स्थानों पर पहुंच रहे हैं। एक अनुमान के अनुसार ऐसे विद्यार्थियों की संख्या हजारों में है।
कई बार उठ चुकी है मांग राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में गणित विषय के प्राध्यापक (व्याख्याता) के पद की कमी को लेकर स्थानीय अध्यापकों ने कई बार शिक्षा प्रशासन से स्वीकृति की मांग की है। उनका कहना है कि राजाखेड़ा शिक्षा ब्लॉक जो कि जिले का एक बड़ा ब्लॉक है। जिसमें किसी भी विद्यालय में गणित विषय के लिए प्राध्यापक का पद स्वीकृत न होना सरकार के ऊपर एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। अध्यापकों के अनुसार पूरे ब्लॉक में गणित विषय का प्राध्यापक का पद न होने के कारण आर्थिक कमजोर विद्यार्थियों को विज्ञान अध्ययन के अपने सपने को छोडक़र मजबूरन कला या कॉमर्स संकाय चुनने के लिए मजबूर होना पड़ता है। राजाखेड़ा उपखंड के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान और गणित विषय तो हैं। लेकिन इन विषयों में केवल द्वितीय श्रेणी के अध्यापकों के पद हैं। जो ऊंट के मुंह मे जीरे के समान है। अध्यापकों ने भी सरकार और प्रशासन से मांग रखी है कि विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए गणित विषय के लिए प्राध्यापक पद को स्वीकृत करना चाहिए।
सारी स्थिति पोर्टल पर ऑनलाइन है। लेकिन पद स्वीकृति, पद स्थापन का कार्य उच्चाधिकारियों को करना है। हम उपलब्ध संसाधनों से ही बेहतर परिणामों के प्रयास में लगे हैं।-चरण सिंह, कार्यवाहक मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी