धर्म-कर्म

सोमवार को ही क्यों की जाती है भगवान शिव की पूजा?

सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने की परंपरा पुरातन काल से ही चली आ रही है।

Dec 22, 2019 / 02:17 pm

Devendra Kashyap

पुरातन काल से ही सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने की परंपरा चली आ रही है। इस दिन लोग भगवान शिव की पूजा करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान शिव की पूजा सोमवार के दिन ही क्यों की जाती है? अगर नहीं जानते हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा क्यों की जाती है…
ये भी पढ़ें- सोमवार के दिन करें ये उपाय, भगवान शिव के साथ मिलेगी चंद्र देव की कृपा

वैसे भी शिवजी को भोलेनाथ कहा जाता है। माना जाता है कि भोलेनाथ अपने भक्तों पर जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। सोमेश्वर व्रत के नाम से विख्यात सोमवार के व्रत का अपना धार्मिक महत्व होता है। सोमवार के दिन चंद्रमा की पूजा भी की जाती है।

दरअसल, सोमवार को सोमेश्वर व्रत किया जाता है। सोमेश्वर दो शब्दों से बना है। सोम और इश्वर से बना है। सोम का अर्थ होता है- चन्द्रमा और इश्वर का अर्थ होता है देव। अर्थात वह देव जिसे देव ने भी अपना देव माना है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भगवान शिव को देवों के देव महादेव भी कह जाता है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सोमवार के दिन भगवान शिव की आराधना करने से व्यक्ति निरोगी हो जाता है। बताया जाता है कि सोमवार के दिन श्राप के कारण कोढ़ से ग्रस्त चन्द्रमा ने भगवान शिव की आराधना की थी। इस आराधना से चन्द्रमा फिर से निरोगी होकर दोबारा सौंदर्य हासिल कर लिया था। जिसके बाद भगवान शिव ने अपनी जटाओं में मुकुट की तरह धारण कर लिया था।

मान्यता है कि सोमवार के दिन भगवान शिव की उपासना करने पर भगवान शिव के साथ-साथ चन्द्रमा की पूजा भी हो जाती है। कुछ लोग सोमवार के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की एक साथ पूजा करते हैं लेकिन सोमवार के दिन भगवान शिव और चन्द्रमा की ही पूजा का दिन माना गया है।

Hindi News / Astrology and Spirituality / Dharma Karma / सोमवार को ही क्यों की जाती है भगवान शिव की पूजा?

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.