bell-icon-header
धर्म-कर्म

Pitru Paksha Special: किसको है श्राद्ध करने का अधिकार? जाने यहां

मृतक के ज्येष्ठ पुत्र को होता है पहला हक

Sep 21, 2021 / 01:27 pm

दीपेश तिवारी

sharadh ka hak

हिंदू शास्त्रों में भाद्रपद की पूर्णिमा से आश्विन (क्वांर) माह की अमावस्या तक का पितृपक्ष बताया गया है। पितृ पूजन सभी हिंदू घरों में किया जाता है।

दरअसल श्राद्ध पक्ष जिसे पितृ पक्ष भी कहा जाता है यह मुख्य रूप से 16 दिनों तक चलता है। वहीं कइ बार ये दिन घट या बड भी जाते हैं, जैसे की इस बार यानि 2021 में श्राद्ध 20 सितंबर से शुरू होकर 06 अक्टूबर तक यानि सामान्य रूप से देखा जाए तो 17 दिन तक रहेंगे, वहीं 26 सितंबर को श्राद्ध की कोई तिथि नहीं है,ऐसे में श्राद्ध तिथि व कार्य 16 दिन ही होंगे। इसके अलावा कई बार तिथि गलने की स्थिति में ये दिन कम भी हो जाते हैं, ऐसे में दो श्राद्ध एक ही दिन पड़ते हैं।

IMAGE CREDIT: lali

पंडित केपी शर्मा का कहना है कि पुराणों के अनुसार व्यक्ति जन्म के साथ ही उस पर तीन प्रकार के ऋण (पितृ ऋण, देव ऋण और ऋषि ऋण) चढ़ जाते हैं। इनमें सर्वोपरि ऋण पितृ ऋण माना जाता है।

ऐसे में इससे मुक्त होने के लिए व्यक्ति को अपने घर के मृत बुजुर्गों का श्राद्ध करना अवश्य माना गया है। ऐसे करने से घर के मृत बुजुर्गों को पुत नामक नरक के कष्टों से मुक्ति मिलती है।

ऐसे समझें श्राद्ध…
पंडित शर्मा के अनुसार दरअसल पितरों की स्मृति में श्रद्धापूर्वक किया गया दान आदि कर्म ही श्राद्ध माना गया है। वहीं यह भी माना जाता है कि अपने पूर्वजों की स्मृति में भोजन दान के अलावा पौधा लगाना और उसकी देखभाल करते हुए उसे वृक्ष के रूप में ले जाना, किसी असहाय की मदद करना, किसी रोगी की जरूर के अनुसार आर्थिक या शारीरिक मदद करना, पुस्तक, वस्त्र आदि का दान करना भी श्राद्ध के तहत ही आते हैं।

Must read- Pitru Paksha 2021: पितृ दोष से बचने के लिए श्राद्ध पक्ष के उपाय

shradh.jpg

प्रत्येक माह की अमावस्या पितरों की दोपहर मानी जाती है। ऐसे में इस दिन दोपहर के समय ही भोजन करने का नियम होने और हर अमावस्या को पितरों की तिथि मानकर अन्न दान का नियम है।

Must Read- Pitru Paksha 2021: श्राद्धों का 2021 का कैलेंडर, जानेें कब किसका करें श्राद्ध

किसी भी मांगलिक कार्य के अवसर पर या ग्रहण काल, पूर्वजों की मृत्यु तिथि, तीर्थ यात्रा आदि में श्राद्ध करना कल्याण कारक माना जाता है। कन्या राशि में सूर्य के रहने के दौरान श्राद्ध या कन्या-गत या कनागत करने का नियम है।

Must Read- कोरोना के मृतकों का ऐसे करें श्राद्ध,अन्यथा यहीं बनाएंगे पितृ दोष का कालसर्प दोष

Pitru Paksha Shradh 2020 : कोरोना काल में ऐसे करें श्राद्ध कर्म

श्राद्ध का किसे है अधिकार?
पं. शर्मा के अनुसार श्राद्ध का पहला अधिकार सामान्य रूप से मृतक के बड़े पुत्र को होता है, लेकिन उसके न होना या यदि वह श्राद्ध कर्म न करे तो छोटा पुत्र श्राद्ध का अधिकारी होता है।

वहीं जब किसी परिवार में सभी पुत्र अलग-अलग रहते हों तो सभी को पितरों का श्राद्ध करना चाहिए। पुत्र न होने पर पौत्र या प्रपौत्र भी श्राद्ध करने का अधिकारी होता है। वहीं यदि किसी का पुत्र है ही नहीं तो भाई को श्राद्ध करने का अधिकार होता है।

महिलाओं को भी है अधिकार…
वहीं कुछ ग्रंथों में श्राद्ध करने का अधिकार महिलाओं को भी दिया गया है। जैसे यदि पुत्र ना हो तो भाई से पहले मृतक की पत्नी का श्राद्ध करने का अधिकार माना गया है।

इसी तरह विवाह ना होने या पत्नी और संतान ना होने की स्थिति में मृतक की माता और बहन को भी श्राद्ध का अधिकार दिया गया है। यदि पुत्र श्राद्ध कर्म ना कर सकें तो पुत्र वधु को भी श्राद्ध करने का अधिकार है।

Must Read- Shradh Paksha 2021: पितृ कार्य करते समय इन बातों की रखें ध्यान

pitra paksha

इनको भी है श्राद्ध का अधिकार
पुत्र के अलावा पौत्र और प्रपौत्र को भी अपने दादा-दादी, या परदादा और परदादी का श्राद्ध करने का अधिकार है, लेकिन ये ना हों तो भाई-भतीजे व उनके पुत्र भी श्राद्ध कर सकते हैं।

यदि ऐसा संबंधी ना हो तब पुत्री का पुत्र यानी दौहित्र भी श्राद्ध कर अपने पितरों का उद्धार करवा सकता है। इसी तरह बहन के पुत्र यानि भांजे को भी श्राद्ध का अधिकार दिया जा सकता है।

श्राद्ध के नियम…
पंडित शर्मा के अनुसार कोई भी किसी का भी श्राद्ध नहीं कर सकता, जैसे धन के मामले में खुद का लिया कर्ज स्वयं चुकाना होता है उसी प्रकार संतान को अपने पूर्वजों से मिली संतति का ऋण भी खुद ही चुकाना होता है।

श्राद्ध का वक्त…
जानकारों के अनुसार हमेशा दोपहर से पहले ही श्राद्ध को कर लेना चाहिए। शास्त्रों के मुताबिक संगव काल में श्राद्ध होता है। इसके तहत यदि पूरे दिन के पांच बराबर हिस्से कर लिए जाएं तो जो दूसरा हिस्सा आता है वहीं संगव काल कहलाता है। यानि सुबह के नाश्ते के समय से दोपहर के भोजन के समय तक सुविधानुसार श्राद्ध किया जा सकता है।

Hindi News / Astrology and Spirituality / Dharma Karma / Pitru Paksha Special: किसको है श्राद्ध करने का अधिकार? जाने यहां

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.