धर्म-कर्म

Vinayaka Chaturthi 2021: इस विनायक चतुर्थी के दिन ऐसे लाएं घर में सौभाग्य और सुख, समृद्धि

Vinayaka Chaturthi August 2021 : श्रीगणेश की पूजा से शुरु किए गए कार्य में किसी प्रकार की बाधा नहीं आती

Aug 12, 2021 / 10:37 am

दीपेश तिवारी

Sawan Vinayaka Chaturthi on August 2021

Vinayaka Chaturthi 2021: भगवान श्रीगणेश को समर्पित चतुर्थी तिथि हर माह में दो बार आती है। ऐसे में इस बार यानि सावन 2021 की विनायक चतुर्थी 12 अगस्त को है।
भगवान श्रीगणेश की इस दिन विधि-विधान से पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि इस व्रत से उपासक के सभी प्रकार के विघ्न, संकट मिट जाते हैं। भगवान श्रीगणेश सनातन संस्कृति में न केवल आदि पंचदेवों में शामिल हैं, बल्कि इन्हें प्रथम पूज्य भी माना गया है।
ऐसे में हर-पूजा पाठ व हर शुभ कर्म की शुरुआत में इन्हीं के आवाह्न का विधान है। विघ्नहर्ता श्री गणेश शुभता, बुद्धि, सुख-समृद्धि के देवता हैं। मान्यता है कि भगवान गणेश वास जहां होता है, वहीं रिद्धि सिद्धि और शुभ लाभ भी रहते हैं।

इसके साथ ही इनकी पूजा से शुरु किए गए कार्य में किसी प्रकार की बाधा नहीं आती है इसी कारण श्री गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। वहीं इस दिन श्री गणेश को दुर्वा चढ़ाने काविशेष दिन होने के कारण कुछ लोग इसे दुर्वा चतुर्थी भी कहते हैं।

हिंदू कैलेंडर में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी विनायक चतुर्थी और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी संकष्टी चतुर्थी कहलाती है। ऐसे में इस बार 12 अगस्त को सावन की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानि विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का विधि-विधान के साथ पूजन किया जाएगा। मान्यता के अनुसार इस दिन विनायक चतुर्थी की कथा सुनने से घर में सौभाग्य और सुख, समृद्धि बढ़ती है।

सावन मास विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त
सावन शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि शुरु: बुधवार, 11 अगस्त 2021: 04:53 PM से
सावन शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का समापन: गुरुवार,12 अगस्त 2021: 03:24PM तक

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Surya dev

विनायक चतुर्थी की पूजा-विधि
बह्म मुहूर्त में उठकर स्नान व नित्यकर्मों के पश्चात लाल कपड़े पहनकर घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। यदि व्रत करना चाहते हैं तो व्रत का संकल्प भी लें। फिर भगवान गणेश को स्नान कराकर साफ वस्त्र पहनाएं।

इसके बाद भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक लगाने के साथ ही यह तिलक अपने माथे में भी लगाने के बाद भगवान श्री गणेश को दुर्वा चढ़ाएं। इसके पश्चात भोग के रूप में श्रीगणेश जी को लड्डू, मोदक चढ़ाएं, फिर श्री गणेश जी की आरती करें।

इस दिन दोपहर को गणेश जी की पूजा की जाती है। पूजन के समय अपने क्षमता के अनुसार सोने, चांदी, पीतल, तांबा या मिट्टी से बनी गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित करें। मान्यता के अनुसार पूजा-पाठ करने से इस दिन अति लाभदायक फल की प्राप्ति होती है। इसके बाद दोपहर को शुभ मुहूर्त में गणेश जी की पूजा करें।

श्री गणेश जी को सिंदूर लगाएं और ॐ गं गणपतयै नम:’ मंत्र बोलते हुए दूर्वा अर्पित करें। पूजन के दौरान श्री गणेश चालीसा या श्री गणेश स्तोत्र का पाठ करें। भोग में लड्डू की थाली गणेश जी के सामने रखने के बाद फिर लड्डुओं का भोग वितरित कर दें।

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