सनातन धर्म में ‘स्वास्तिक’ का निशान बेहद शुभ माना गया है। इस निशान को सनातन धर्म से जुड़े हर शख्स के मुख्य द्वार पर देखा जा सकता है। स्वास्तिक का निशान भगवान गणेश से जोड़कर देखा जाता है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक स्वास्तिक का निशान यदि घर केक मुख्य दरवाजे के बाहर बनाया जाए तो घर में सुख-शांति और खुशहाली बनी रहती है। स्वास्तिक के निशान को ध्यान से देखें तो इसमें चार भुजाएं होती हैं और इन चारों भुजाएं चारों दिशाओं का प्रतीक मानी जाती हैं। लेकिन यदि इसे बनाते समय कुछ बातों का ध्यान रखा जाए, तो यह अत्यंत शुभ फल देने वाला होता है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं स्वास्तिक बनाते समय आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए…
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– आपको बता दें कि स्वास्तिक का निशान घर के प्रवेश द्वार पर बनाते समय आपको ध्यान रखना चाहिए कि स्वास्तिक का निशान हमेशा सिंदूर से ही बनाएं। दरअसल माना जाता है कि सिंदूर से बने स्वास्तिक से घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है। घर के प्रवेश द्वार पर बड़े आकार का स्वास्तिक बनाना चाहिए।
– स्वास्तिक का निशान बनाते समय ध्यान रखें कि जहां आप इसे बना रहे हैं, वहां पर साफ-सफाई जरूर कर लें। वहां जूते-चप्पलों का ढेर नहीं लगाना चाहिए वरना इससे घर-परिवार पर बुरा असर भी पड़ सकता है।
– वास्तु शास्त्र के मुताबिक आंगन के बीचोंबीच स्वास्तिक का निशान बनाना चाहिए। माना जाता है कि आंगन में पित्र निवास करते हैं।
– सिंदूर के अलावा हल्दी से भी स्वास्तिक का निशान बनाया जा सकता है। ऐसा करने से घर से दरिद्रता हमेशा के लिए दूर हो जाती है।
– स्वास्तिक बनाते समय दिशा का भी ध्यान रखना आवश्यक है। स्वास्तिक हमेशा ईशान कोण या उत्तर दिशा में बनाना चाहिए।